कुक ताड़ का वृक्ष चाहे कहीं भी उगे (या उगाया जाए) सदैव थोड़ा तिरछा बढ़ता है और यह तिरछापन उसे भूमध्य रेखा की ओर झुका देता है। कैलिफोर्निया पोलीटेक्निक स्टेट विश्वविद्यालय के मैट रिटर ने शोध पत्रिका इकॉलॉजी में इसका विवरण दिया है।
अन्य ताड़ों के समान कुक ताड़ (Araucaria columnaris) भी एक ऊंचा पेड़ होता है। मूलत: यह प्रशांत महासागर के न्यू केलिडोनिया द्वीप समूह में पाया जाता था। फिर इसे विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया और आज यह पांचों महाद्वीपों पर पाया जाता है। भारत में इसे क्रिसमस ट्री कहते हैं। मैट रिटर कैलिफोर्निया के वृक्षों पर एक किताब लिख रहे थे और उसके लिए कुक ताड़ का विवरण तैयार कर रहे थे। उन्होंने देखा कि कैलिफोर्निया में कुक ताड़ के पेड़ हमेशा दक्षिण की ओर झुके होते हैं। उन्होंने तत्काल ऑस्ट्रेलिया में अपने साथियों से पूछा कि क्या वहां भी ऐसा ही होता है। पता चला कि ऑस्ट्रेलिया में भी ये पेड़ सदा एक ही तरफ झुके होते हैं किंतु वहां उनका झुकाव उत्तर दिशा में होता है।
इतना सुनने के बाद रिटर की दिलचस्पी जाग उठी। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर पांच महाद्वीपों में उग रहे 256 कुक ताड़ वृक्षों का अध्ययन किया। उन्होंने 18 स्थानों से इन पेड़ों के बारे में जानकारी एकत्रित की। ये स्थान 7 से 35 डिग्री उत्तर तथा 12 से 42 डिग्री दक्षिण अक्षांश के बीच स्थित थे। सारे आंकड़ों के आधार पर टीम ने गणना की कि कुक ताड़ के वृक्ष औसतन 8.55 डिग्री झुके होते हैं - पीसा की मशहूर झुकी हुई मीनार की तुलना में यह दुगना झुकाव है। ऑस्ट्रेलिया में एक पेड़ तो पूरे 40 डिग्री झुका हुआ था। और उन्होंने यह भी देखा कि ये पेड़ कहीं भी हों, भूमध्य रेखा की ओर ही झुके होते हैं।
आम तौर पर पेड़ों की वृद्धि में ऐसी असममिती स्थान विशेष से सम्बद्ध होती है किंतु नए स्थान पर पहुंचने के कुछ ही समय बाद यह दुरुस्त हो जाती है। किंतु किसी वजह से कुक ताड़ के इस वृक्ष में यह सुधार नहीं हो पाया है। वैसे कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है कि इस तरह तिरछा बढ़ने से इन्हें ज़्यादा प्रकाश प्राप्त करने में मदद मिलती हो।
वैसे देखा जाए तो इस तरह का तिरछापन असामान्य बात नहीं है। उदाहरण के लिए, यूएस वन सेवा के स्टीवन वॉरेन ने 2016 में रिपोर्ट किया था कि यूएस में यूका ताड़ के पुष्पक्रम सदा पूर्व की ओर झुके होते हैं। उनका मत था कि इससे पेड़ के लिए पुष्पक्रम तक पोषक पदार्थ पहुंचाने की लागत कम हो जाती है। मगर पूरा पेड़ ही तिरछा हो जाए, यह कमाल पहली बार कुक ताड़ में देखा गया है। इस पेड़ का नाम कुक ताड़ इसलिए पड़ा है क्योंकि इसका वर्गीकरण वनस्पति शास्त्री जेम्स कुक ने किया था। (स्रोत फीचर्स)
-
Srote - February 2019
- स्पाइनल क्षति से ग्रस्त लोगों के लिए आशा की किरण
- कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे राष्ट्र
- दिमाग की कोशिकाएं अपने जीन बदलती रहती हैं
- वायरस से लड़ने मे मददगार गुड़ और अदरक
- हंसने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- गर्भाशय में भ्रूण की सुरक्षा
- मलेरिया का बढ़ता प्रकोप
- मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है वायु प्रदूषण
- एक दशक में प्रति व्यक्ति शराब खपत दुगनी हुई
- मनुष्य का शिशु असहाय क्यों?
- मंगल पर मीथेन का रहस्य
- नकली चांद की चांदनी से रोशन होगा चीन!
- सितारों की आतिशबाज़ी का अंदेशा
- दक्षिण अफ्रीका में घुसपैठी प्रजातियों का आतंक
- पर्यावरण शिक्षा का एक अनोखा कार्यक्रम
- अरावली पहाड़ियां बची रहीं, तो पर्यावरण भी बचा रहेगा
- उजड़े वनों में हरियाली लौट सकती है
- मकड़ी का रेशम स्टील से 5 गुना मज़बूत
- हवा में टंगे आलू
- खतरे में है ओरांगुटान की नई प्रजाति
- ओरांगुटान अतीत के बारे में बात करते हैं
- ज़िद से नहीं, जज़्बे से बचेंगे एशियाई शेर
- बिना इंजन के विमान ने भरी उड़ान
- बिच्छू का ज़हर निकालने वाला रोबोट
- यौन हिंसा के खिलाफ आवाज़ों को मिला सम्मान
- परीक्षाएं: भिन्न-सक्षम व्यक्तियों के लिए समान धरातल
- सावधान! ऐप चुरा रहे हैं निजी डैटा
- बिल्लियां साफ-सुथरी कैसे बनी रहती हैं