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Srote - June 2018
- चलने वाली मछलियां और पैरों से चलने का विकास
- दांतों में दर्द आज की समस्या नहीं
- संकेत भाषा के अक्षरों के रंग!
- कुछ कीड़े पेट पर नहीं, पेट में सवारी करते हैं
- जानकारियां
- पत्थर तराशकर हीरा निर्माण की कथा
- मानव जीवन: तारों की देन
- ना सुन पाने वालों के लिए सौगात
- अंतरिक्ष में ‘जुड़वां’ अध्ययन और मीडिया
- मनुष्य चमगादड़ों की तकनीक अपनाते हैं
- नश्तर मछली की बिजली की सबसे तेज़ चमक
- समुद्री स्तनधारी जीव आकार में बड़े क्यों होते हैं?
- परमाणु देखने का सूक्ष्मदर्शी
- मिट्टी के बैक्टीरिया से बिजली औेर पौधों से प्रकाश
- भारत में डीएनए फिंगर प्रिंटिंग और लालजी सिंह
- सीसा: विषैलापन बनाम मुनाफा
- मनोरोगी अन्य लोगों की सोच पर ध्यान नहीं देते हैं
- जननांग स्वायत्तता का सवाल
- कृत्रिम बुद्धि मानव सभ्यता के लिए खतरा
- भारत-फ्रांस मिलकर बनाएंगे सोलर ऊर्जा
- स्टेम कोशिका उपचार से दृष्टि बहाल हुई
- मुर्गे की बांग और शरीर घड़ी
- पर्यावरण विनाश की ताज़ा रिपोर्ट
- कम खाओ, लंबी उम्र पाओ
- उंगलियां चटकाने की आवाज़ कहां से आती है?
- विज्ञान में लिंग भेद के प्रति बदलता नज़रिया
- मैरी एंडरसन: विंडशील्ड वाइपर
Srote - March 2019
- भटकती परमाणु घड़ी से आइंस्टाइन के सिद्धांत की पुष्टि
- 4000 वर्ष पूर्व भी बोर्ड गेम खेला जाता था
- मलेरिया परजीवी को जल्दी पकड़ने की कोशिश
- माहवारी के समय इतनी पाबंदियां क्यों? - सीमा
- कितनी स्वच्छ थी मेरी दिवाली - डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन
- इंसान-मशीन के एकीकरण और अंतरिक्ष का साल - चक्रेश जैन
- याददाश्त से जुड़ी समस्याओं में कसरत मददगार - डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन
- डेढ़ सौ साल जी सकते हैं मनुष्य - संध्या राय चौधरी
- ब्लैक विडो मकड़ी - डॉ. विपुल कीर्ति शर्मा
- पराग कण: सूक्ष्म आकार, बड़ा महत्व - डॉ. दीपक कोहली
- स्कूल में भूत का नज़ारा - संतोष शर्मा
- सूरज को धरती पर उतारने की तैयारी - प्रदीप
- क्या विश्व सतत विकास लक्ष्य प्राप्त कर सकेगा? - भारत डोगरा
- जैव विविधता का तेजी से होता ह्यास - नवनीत कुमार गुप्ता
- जंतु प्रजातियां अभूतपूर्व खतरे के दौर में - भरत डोगरा
- कैफीन-रहित चाय का पौधा - डॉ. अरविंद गुप्ते
- प्रकृति की तकनीकी की नकल यानी बायोनिक्स - डॉ. दीपक कोहली
- बांध टूटे तो नदी ने अपना मलबा साफ किया