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Srote - February 2017
- एक सेकंड देर से आया नया साल
- हज़ार किलोमीटर की गहराई पर पानी के प्रमाण
- धरती के नीचे पिघले लोहे की धारा
- नर्मदा घाटी में डायनासौर के जीवाश्म
- क्या गर्भावस्था दिमाग को बदल देती है?
- गोमूत्र की धुन में शोध की अच्छी प्रथाओं की बलि
- तारे: उद्भव और विकास
- पेड़ों की ऊंचाई कौन तय करता है?
- महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन
- प्रति-पदार्थ को पकड़कर अध्ययन किया गया
- जीन संपादन का चिकित्सा में उपयोग शुरू
- जीन ड्राइव पर प्रतिबंध को राष्ट्र संघ ने ठुकराया
- फसल सुरक्षा के लिए नई जेनेटिक तकनीक
- मनपसंद शरीर अपनाइए
- मां बच्चे को एक ही तरफ क्यों उठाती है?
- अप्पिको: दक्षिण भारत का चिपको आंदोलन
- इंसान ने ही किया कुदरत को तहस-नहस
- दांतों से बने दिमाग खोल रहे हैं कई राज़
- ब्रह्मांड में नए ठिकानों और गुरुत्व तरंगों की खोज
- 2016: विज्ञान में क्या हुआ?
- क्या अर्जित गुण संतानों को मिलते हैं?
- कीमोथेरपी को झेलने वाली श्वेत रक्त कोशिकाएं
- एंटीबायोटिक की नाकामी का खतरा
- एयर कंडीशनिंग की नई तकनीक
- हाथी की सूंड की लचीली पकड़
- भूकंप से मानव जीवन की रक्षा की पूर्व तैयारी
- पानी के अंदर परागण में जंतुओं की भूमिका
Srote - September 2019
- देश बन रहा है डंपिंग ग्राउंड - संध्या रायचौधरी
- बेसल समझौते में प्लास्टिक को शामिल किया गया - नवनीत कुमार गुप्ता
- समुद्री सूक्ष्मजीव प्लास्टिक कचरे को खा रहे हैं
- अल्जीरिया और अर्जेंटाइना मलेरिया मुक्त घोषित
- एक फफूंद मच्छरों और मलेरिया से बचाएगी
- कैंसर कोशिकाओं को मारने हेतु लेज़र
- आंतों के बैक्टीरिया और ऑटिज़्म का सम्बंध
- दुनिया का सबसे छोटा जीवित शिशु सेब के बराबर था
- आंखों पर इतने बैक्टीरिया का अड्डा क्यों है?
- 5 करोड़ वर्ष में मछलियों के नियम नहीं बदले
- कुछ लोगों को मच्छर ज़्यादा क्यों काटते हैं?
- कौआ और कोयल: संघर्ष या सहयोग - कालू राम शर्मा
- गिद्धों की कमी से खतरे की घंटी - मनीष वैद्य
- बोत्सवाना में हाथियों के शिकार से प्रतिबंध हटा
- एक पौधे और एक पक्षी की अजीब दास्तान - डॉ. किशोर पंवार
- बड़े शहर अपने बादल बनाते हैं
- लैक्टोस पचाने की क्षमता की शुरुआत कहां से हुई
- स्मार्टफोन के उपयोग से खोपड़ी में परिवर्तन
- हीरों का निर्माण महासागरों में हुआ था
- शुक्र का एक दिन - एस. अनंतनारायणन
- अंतरिक्ष यात्रा के दौरान शरीर में बदलाव - डॉ. डी. बालसुब्रामण्यन
- आवाज़ सुनकर चेहरे की डिजिटल तस्वीर
- पीएच.डी. में प्रकाशन की अनिवार्यता समाप्त करने का प्रस्ताव
- जीनोम का धंधा: डायरेक्ट टू कंज़्यूमर (डीटीसी) - शशांक एस. तिवारी
- आयुष अनुसंधान पर मंत्रालय का दृष्टिकोण - लखोटिया, पटवर्धन, रस्तोगी
- अनुचित है किसानों को जीएम फसलों के लिए उकसाना - भारत डोगरा
- आवर्त सारणी की 150वीं वर्षगांठ - डॉ. डी. बालसुब्रामण्यन