हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER), भोपाल द्वारा किए गए एक आनुवंशिक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने ग्वारपाठा (एलो वेरा) में सूखा प्रतिरोधी जीन्स की पहचान की है। ये जीन्स ग्वारपाठा को अत्यंत गर्म और शुष्क जलवायु में पनपने में मदद करते हैं।
संस्थान के विनीत के. शर्मा और उनके साथियों ने ग्वारपाठा के पूरे जीनोम का अनुक्रमण किया है, जिसमें उन्होंने 86,000 से अधिक प्रोटीन-कोडिंग जीन्स की पहचान की। यह अध्ययन iScience नामक शोध पत्रिका में फरवरी 2021 में प्रकाशित हुआ है।
पहचाने गए कुल जीन्स में से टीम ने सिर्फ उन 199 जीन्स का बारीकी से अध्ययन किया, जिनकी भूमिका पौधे के विकास और अनुकूलन में महत्वपूर्ण देखी गई। इनमें से कुछ जीन्स पौधे को सूखे की स्थिति में पुष्पन में मदद करते हैं और इस तरह उनके प्रजनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इसके अलावा शोधकर्ताओं ने अनुक्रम-विशिष्ट डीएनए से जुड़ने वाले जीन्स भी पहचाने हैं जो बाहरी उद्दीपनों पर संकेत देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने ग्वारपाठा में ऐसे जीन्स भी देखे जो कार्बोहाइड्रेट को तोड़कर ऊर्जा बनाने में मदद करने के अलावा कम या उच्च तापमान, पानी की कमी, उच्च लवणीयता और पराबैंगनी विकिरण जैसी तनावपूर्ण स्थितियों में प्रतिक्रिया को नियंत्रित करते हैं।
सूखे की स्थिति से निपटने में इस पौधे के कम से कम 90 जीन्स भूमिका निभाते हैं। ये जीन भौतिक रूप से भी एक-दूसरे के साथ संपर्क में आते हैं, जिससे लगता है कि ग्वारापाठा में सूखा से निपटने वाले तंत्र का अनुकूली विकास हुआ होगा।
उम्मीद है कि यह अध्ययन भविष्य में इस पौधे के विकास के साथ-साथ इसके औषधीय गुणों को भी समझने में मदद करेगा। (स्रोत फीचर्स)
-
Srote - August 2016
- चार नए तत्वों का नामकरण संस्कार शुरू
- एक चूहा जलवायु परिवर्तन की बलि चढ़ा
- पूरा मानव जीनोम बनाने का प्रस्ताव
- पोलियो वायरस मिला, फिर से टीकाकरण
- नई प्रजाति से कीट वर्गीकरण का नया आधार
- बहुसंख्य-अल्पसंख्यक धारणा के सामाजिक परिणाम
- हिमालय के किसानों की उपेक्षा न हो
- जिराफ और गाय सम्बंधी हैं
- प्रोटीन का स्रोत - दालें
- दक्षिण एशिया की नई चुनौतियां
- लुप्त हो रही हैं छिपकलियां
- बारिश है तो धरती की खुशहाली कायम है
- ऊर्जा में परमाणु ऊर्जा का गिरता हिस्सा
- गर्भस्थ बच्चा मां की आवाज़ को पहचानता है
- इलेक्ट्रॉनिक कचरे का डंपिंग ग्राउंड हमारा देश
- अमरीका में प्रतिरोधी महाजीवाणु मिला
- प्रयोगों के परिणाम न दोहरा पाने की त्रासदी
- क्या सेलफोन से कैंसर होता है?
- अफीम युद्ध के निशान मूंगा चट्टानों में
- पक्षियों की घटती उम्र और शहरी परिवेश
- दुनिया के भोजन में बढ़ती एकरूपता
- पतंगों का रंग और जैव विकास
- प्रकाश का अंधेरा पक्ष
- पॉलीथीन से डीज़ल बनाया गया
- नए उपचारों की लागत के सामाजिक सवाल
- सबसे बुज़ुर्ग महिला के रक्त में जीवन-मृत्यु का राज़
- पानी से ज़मीन पर मछलियों की छलांग