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Srote - May 2017
- क्या समकक्ष समीक्षा से खराब विज्ञान की छंटाई संभव है?
- समकक्ष-समीक्षा के नए मॉडल्स
- 45 फुट ऊंचा मक्का का पौधा
- मक्का की उपज अधिक धूप के कारण बढ़ी है
- पहली रात की बेचैन नींद
- कहानी ड्युटेरियम की खोज की
- बच्चे के पेट से अविकसित भ्रूण निकाला गया
- वैज्ञानिक अनुसंधान में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ा है
- विज्ञान की भाषा के रूप में अंग्रेज़ी
- विज्ञान सत्य की निरंतर खोज है
- आयुष पर भरोसे से पहले प्रमाण से इन्कार क्यों?
- कैंसर के फैलने में वसा की भूमिका
- दुभाषिया मशीनें उन्नत हुईं
- कुछ आवाज़ें तोतों को खिलंदड़ बनाती हैं
- इलेक्ट्रॉनिक टैटू आपके शरीर को स्मार्ट बनाएंगे
- पौधों की सुरक्षा में रेत
- पानी को आवेशित किया जा सकता है
- संस्कृति के फेर में परिंदों की शामत
- लाखों बच्चों का जीवन बचाने की संभावना
- कैसे प्रभावित करते है सौर धब्बे पृथ्वी को?
- मौसम की विकरालता नए चरम को छू रही है
- मकड़ियां मनुष्यों से दुगना खाती हैं
- रंगभेदी चश्मे
- गाड़ी के रंग और दुर्घटनाओं का सम्बंध
- पाई का मान दशमलव के बाद खरबों अंक तक
- सोशल मीडिया पर शरबत का चित्र नहीं, शरबत भेजिए
Srote - February 2022
- विज्ञान अनुसंधान: 2021 में हुई कुछ महत्वपूर्ण खोजें मनीष श्रीवास्तव
- विज्ञान अनुसंधान: 2022 से अपेक्षाएं संकलन: ज़ुबैर सिद्दिकी
- हरगोविन्द खुराना जन्म शताब्दी नवनीत कुमार गुप्ता
- कोविड-19: वास्तविक मौतें आंकड़ों से कहीं अधिक
- कोविड का आंख और कान पर प्रभाव
- ओमिक्रॉन से सम्बंधित चिंताजनक डैटा
- पेटेंट पूलिंग से दवाइयों तक गरीबों की पहुंच
- गर्मी के झटके और शीत संवेदना डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन
- खुजली तरह-तरह की डॉ. बालसुब्रमण्यन, चंदानी
- हिचकी से तुरंत राहत का उपाय
- भारत ने ‘जनसंख्या बम' को निष्क्रीय किया
- अफवाह फैलाने में व्यक्तित्व की भूमिका
- डिमेंशिया को संभालने में संगीत की भूमिका
- प्राचीन यूनानी अक्षम बच्चों को नहीं मारते थे
- रासायनिक आबंध की मज़बूती
- कुछ धूमकेतु हरे क्यों चमकते हैं?
- केन-बेतवा लिंक परियोजना भारत डोगरा
- न्यूज़ीलैंड में सिगरेट बिक्री पर प्रतिबंध की तैयारी
- जलवायु परिवर्तन से सबसे बड़े मत्स्य-भंडार को खतरा
- कार्बन सोखने के लिए समुद्र में उर्वरण
- ज़हरीले रसायन वापस उगल रहा है समुद्र
- प्रजनन करते रोबोट!
- स्पिटलबग कीट का थूकनुमा घोंसला हरेंद्र श्रीवास्तव
- बैक्टीरिया संक्रमित कीट सर्दियों में ज़्यादा सक्रिय रहते हैं
- इस सहस्रपाद की वाकई हज़ार टांगें होती हैं
- मैडागास्कर में मिली मेंढक की नई प्रजाति