खगोल शास्त्रियों ने हाल ही में सौर मंडल के दूरस्थ छोर पर एक विशाल पिंड की खोज की है। दरअसल यह पिंड बाह्र सौर मंडल में स्थित है और इसे नाम दिया गया है 2015 TG387। वैसे इसका लोकप्रिय नाम गोबलिन रखा गया है।

वॉशिंगटन स्थित कार्नेजी इंस्टीट्यूशन फॉर साइन्स के खगोल शास्त्री स्कॉट शेफर्ड की टीम ने इस पिंड की खोज जापान की 8.2 मीटर की सुबारु दूरबीन की मदद से की है। यह दूरबीन हवाई द्वीप पर मौना की नामक स्थान पर स्थापित है।

2015 TG38 नामक यह पिंड सूर्य से बहुत दूरी पर है। सूर्य की परिक्रमा करते हुए यह जब सूर्य के सबसे नज़दीक होता है, उस समय इसकी सूर्य से दूरी 65 खगोलीय इकाई होती है। सूर्य से पृथ्वी की दूरी को खगोलीय इकाई कहते हैं। और जब यह पिंड सूर्य से अधिकतम दूरी पर होता है तो 2300 खगोलीय इकाई दूर होता है। इतनी दूरी पर हम बहुत ही थोड़े से विशाल पिंडों से वाकिफ हैं। गोबलिन का परिक्रमा पथ सौर मंडल के प्रस्तावित नौवें ग्रह के अनुमानित परिक्रमा पथ से मेल खाता है किंतु खगोल शास्त्रियों का कहना है कि इससे यह साबित नहीं होता कि नौवां ग्रह सचमुच अस्तित्व में है। (स्रोत फीचर्स)