दूसरे अंक में हमने आपसे तीन सवाल पूछे थे।

1.  घर से स्कूल तक कम-से-कम समय में जाने के लिए आप कौन-सा विकल्प पसंद करेंगे और क्यों?

अ. आधी दूरी तक चलकर जाना और आधी दूरी तक दौड़कर जाना।
ब. आधा समय चलकर जाना और आधा समय दौड़कर रास्ता तकरना।

2.  एक माली था जिसे पेड़-पौधे को विभिन्न आकृतियों में लगाने में मज़ा आता था। एक बार उसने गुलाब के दस पौधे इस तरह लगाए कि कुल कतारें पांच बनीं और हर कतार में चार पौधे थे। आप भी वैसा ही बाग लगाना चाहेंगे? तो सोचिए उसने पौधे कैसे लगाए होंगे।

3.  मैं भोपाल से होशंगाबाद सड़क के किनारे-किनारे समान गति से चल रहा हूं। चलते-चलते मैंने देखा कि मेरे पीछे से यानी भोपाल की ओर से हर बारह मिनट बाद एक ट्रक या बस आती है। और मेरे सामने से यानी होशंगाबाद की ओर से हर चार मिनट बाद एक ट्रक या बस आती है। यदि ट्रक या बस प्रत्येक घंटे में समान दूरी तय करते हों तो भोपाल और होशंगाबाद से कितने-कितने मिनटों के अंतराल के बाद बस या ट्रक छोड़ी जा रही है?

एस. एन. साहू (शिक्षक, शा. आर.एन.ए.उ.मा.विद्यालय पिपरिया, जिला होशंगाबाद, मप्र.) ने पहले दो सवालों के सही जवाब दिए हैं-- उनके भेजे हल यहां दिए जा रहे हैं।

घर से स्कूल तक कम समय में जाने के लिए मैं विकल्प 'ब' (आधा समय चलकर जाना और आधा समय दौड़कर रास्ता तय करना) पसंद करूंगा क्योंकि—

माना घर से स्कूल तक की दूरी 1200 मीटर है। मेरी पैदल चाल 100 मीटर प्रति मिनट और दौड़ की चाल 500 मीटर प्रति मिनट है। अब विकल्प 'अ' के अनुसार देखें - जिसमें मैं आधी दूरी चलकर और आधी दूरी दौड़कर तय करता हैं तो

600 मीटर पैदल चलने में लगा समय 600/100 = 6 मिनट
और 600 मीटर दौड़कर लगा समय 600/500 = 1 मिनट 12 सेकंड  
यानी कुल 7 मिनट 12 सेकंड समय लगा।

अब विकल्प 'ब' को देखते हैं- मैं आधा समय दौड़कर और आधा समय पैदल चलकर रास्ता तकरता हूँ तो

2 मिनट में पैदल चलकर तय की दूरी : 2 x 100 = 200 मीटर
2 मिनट में दौड़कर तय की दूरी : 2 x 500 = 1000 मीटर

यानी रास्ता तय करने में कुल 4 मिनट लगेंगे। जबकि विकल्प 'अ' में मुझे कुल 7 मिनट और 12 सेकेंड का समय लगता है। इसलिए मैं विकल्प 'ब' पसंद करूंगा।

हमें लगता है कि इस सवाल को सिर्फ तर्क इस्तेमाल करते हुए भी हल किया जा सकता है -

आधी दूरी पैदल चलकर और आधी दूरी दौड़कर तय करने वाली स्थिति में हम दौड़कर और पैदल चलने में बराबर-बराबर दूरी तय करते हैं। जबकि एक निश्चित समय तक दौड़ने और पैदल चलने पर हम दौड़ते हुए ज्यादा दूरी तय करते हैं। यानी आधा समय दौड़ते हुए हम आधे से ज्यादा रास्ता तय कर लेते हैं और पैदल चलकर तय किया जाने वाला रास्ता काफी कम बचता है।

निष्कर्ष रूप में हम देखते हैं कि विकल्प 'ब' में हम काफी कम रास्ता पैदल चलकर तय करते हैं। इसलिए घर से स्कूल तक का रास्ता जल्दी तय करेंगे।

दूसरे सवाल का उत्तर- माली ने 10 गुलाब के पौधे कुछ इस तरह लगाए कि पाँच कतारें भी बन गई और हर कतार में चार पौधे भी थे -(इस सवाल का सही जवाब मेधा एवं नेहा दुबे, केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक -2, इटारसी, ज़िला होशंगाबाद ने भी भेजा है।)

और अब तीसरे सवाल का हल - जिसका जवाब कोई भी नहीं दे पाया।

मान लें कि भोपाल और होशंगाबाद दोनों तरफ से x मिनट के अंतराल पर बसे छोड़ी जा रही हैं। सबसे पहले बात करते हैं भोपाल से छोड़ी जा रही बस की यानी कि पीछे से आ रही बस की— 

मान लीजिए पीछे से आने वाली बस मुझे 'क' बिन्दु पर मिलती है।

मैं होशंगाबाद की ओर चलता रहता हूँ।

12 मिनट बाद पीछे से आने वाली दूसरी बस मिलती है ‘ख’ बिन्दु पर।

‘क’ से ‘ख’ बिन्दु तक की दूरी मैंने 12 मिनट में तय की। भोपाल से आने वाली बस X मिनट के अंतराल से छोड़ी जा रही है। इसलिए ‘क’ से पहली बस के गुजरने के x मिनट बाद दूसरी बस गुज़रेगी। और 12 मिनट बाद दूसरी बस ‘ख’ बिन्दु पर पहुंच जाती है। इसलिए पीछे से आने वाली बस को 'क' से 'ख' तक की दूरी तय करने में 12 -x मिनट लगते हैं।

यानी कि जो दूरी मैंने 12 मिनट में तय की वह पीछे से आने वाली बस ने 12 - x मिनट में तय की।

इसलिए जो दूरी मैं 1 मिनट में तय करता हूं उसे तय करने में पीछे से आने वाली बस को लगते हैं = 12 -x/12 मिनट ---- (1)

अब होशंगाबाद से आने वाली बस को, देखें। सामने से आने वाली बस मुझे 'क' बिन्दु पर आकर मिलती है।

4 मिनट बाद सामने से आने वाली दूसरी बस मिलती है ‘ख’ बिन्दु पर।

'क' से 'ख' की दूरी मैंने 4 मिनट में तय की। सामने से आने वाली दूसरी बस 4 मिनट बाद 'ख' बिन्दु पर पहुंचेगी और x मिनट बाद ‘क’ बिन्दु पर पहुंचेगी। यानी कि उसे 'क' से 'ख' की दूरी तय करने में X – 4 मिनट लगेंगे।

मैंने ज़ो दूरी 4 मिनट में तय की उसे बस ने X – 4 मिनट में पार किया।

इसलिए जो दूरी मैं एक मिनट में तय करता हूं उसे सामने से आने वाली बस पार कर लेती है: X – 4 / 4 मिनट में ---- (2)

इन दोनों समीकरणों (1) और (2) की तुलना करने पर :

12 – x / 12 = x – 4 / 4
12 – x = 3 – 12
4x = 24
x = 6

यानी भोपाल और होशंगाबाद से 6-6 मिनट के अंतराल से बसे छोड़ी जा रही हैं।


इस बार आपका सिर खुजलाने वाला सवाल

जिस प्रयोग का यहां ज़िक्र किया जा रहा है वह फैराडे ने किया था। इसमें धातु की तारों के जाल का एक पिंजरा बनाया गया है। इस पिंजरे की सतह विद्युत की चालक है। पिंजरे को एक कुचालक पर रखा गया है और वह पृथ्वी के संपर्क में नहीं है। एक मशीन द्वारा पिंजरे को आवेशित किया जा सकता है। पिंजरे के कोनों पर पताकाओं (झण्डियों) के झुंड लटके हैं।

फैराडे अपने अत्यंत संवेदनशील विद्युत नापने वाले उपकरणों को लेकर पिंजरे के अंदर घुस गया परन्तु उसके उपकरण पिंजरे के अंदर किसी प्रकार के विद्युतीय प्रभाव का अहसास नहीं कर पाए। लेकिन पिंजरे के किनारे पर जो पताकाएं बंधी थीं वे बिल्कुल सीधी खड़ी हो गईं।

पहला सवाल तो यह है कि पिंजरे के अंदर फैराडे के उपकरणों पर कोई असर क्यों नहीं हुआ? अब आगे देखते है--

चित्र - 1 में एक लड़का आवेशित पिंजरे के अंदर बैठा है। उसके हाथ में पकड़े डंडे पर पताकाएं लगी हैं। और उसके सिर पर टोपी में भी ऐसी पताकाएं बंधी हैं। बंद आवेशित पिंजरे में अंदर वाली पताकाएं लटक रही हैं। इन पताकाओं और बाहर की पताकाओं के व्यवहार में क्या अंतर है और यह अंतर क्यों है?

अब अगर पिंजरा खोलकर लड़का खड़ा हो जाए और डंडे के साथ बंधी झंडियों को भी पिंजरे के जाल में से बाहर निकाल दे तो क्या होगा यह चित्र - 2 में दिखाया गया है। चित्र 1 और 2 में क्या-क्या अंतर हैं और यह अंतर क्यों हैं?


जब बिजली गिरे

आसमान से बिजली गिरी और धरती में समा गई। यही बिजली जब रेतीली ज़मीन पर गिरती है तो इसके भीषण ताप से कभी-कभी मिट्टी पिघलकर ऐसे आकारों में ढल जाती है- मानो किसी पेड़ की जड़ मिट्टी में लिपटी हो। परन्तु ज़रूरी नहीं कि रेतीली ज़मीन पर बिजली गिरे तो हर बार ऐसा ही हो।