के. आर. शर्मा                                                                                                                                            [Hindi PDF, 50 kB]

अक्सर किसी सांप को देखकर वह नर है या मादा यह बता पाने में हम गफलत में फंस जाते हैं। कई बार हम कयास लगाते हैं तो कई दफा सपेरे द्वारा नाग है या नागिन है कहने पर भरोसा कर लेते हैं। यदि आप अपने लगाए कयासों पर गौर करेंगे तो समझ में आएगा कि हम तेज़-तर्रारपन, आकार बड़ा होना, फन होना वगैरह के आधार पर नर-मादा के बीच अंतर कर रहे होते हैं।

हालांकि ये नर-मादा सांप के बीच फर्क करने का कोई ठोस आधार नहीं है। लेकिन समस्या यह है कि हमारे आसपास दिखाई देने वाले गाय, कुत्ते, बकरी, मुर्गा, मोर आदि में जिस तरह से नर-मादा में विभेद करने वाले बाहरी लक्षण दिखाई देते हैं - मसलन प्रजनन अंग, कलगी, दाढ़ी, थन आदि वैसे सांप में नहीं दिखाई देते सो हम गच्चा खा जाते हैं। हमारे आमजीवन से जुड़ा कौआ भी हमें ऐसा गच्चा देता है। सिर्फ कौआ ही क्यों छिपकली, मगर, कछुए को भी देखकर बता पाना कि कौन नर है और कौन मादा खासा मशक्कत भरा काम है।

असल में सांपों में यदि नर और मादा में फर्क करना हो तो उनके प्रजनन अंगों को देखा जाता है। लेकिन ये प्रजनन अंग कुत्ते या चूहे के समान बाहर को लटके नहीं होते। दरअसल नर सांपों में दुम के पास अर्धशिश्न (हेमिपेनिस) अंदर की ओर दबा रहता है। जब उसके लिंग का पता करना हो तो गुदा द्वार के पास दबाया जाता है। यदि अर्धशिश्न दिखाई दे जाए तो वो नर है। यहां वाईपर सांप के अर्धशिश्न का चित्र दे रहे हैं। ऐसी खोजबीन में विषैले सांपों से पाला पड़ सकता है इसलिए विशेष सावधानी की ज़रूरत होती है। यदि आपकी रुचि सांपों में हैं तो आप मरे हुए सांपों में गुदा द्वार के पास दबाकर देखने से शुरुआत कर सकते हैं।

नर या मादा सांप की पहचान: सांप के गुदा द्वार के पास दबाकर देखने पर दो गोलाकार रचनाएं - अर्ध शिश्न दिखाई दे रही हैं। चित्र में इन्हें गोले से घेरकर दिखाया गया है, जो इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि यह नर सांप है।

सांपों में नर-मादा को कुछ और लक्षणों के आघार पर भी पहचाना जा सकता है। अजगर की बात करें तो नर अजगर के पिछले हिस्से में दो नाखून-सी रचनाएं होती हैं जिन्हें स्पर कहते हैं। ये काफी नुकीली होती हैं। कई बार इनकी मदद से वो अपना बचाव भी करते हैं।
इसी प्रकार से सांपों के पारखी उनके व्यवहार के आधार पर भी पहचान कर लेते हैं। उदाहरण के लिए मादा सांप गर्भिणी है तो उसका पेट कुछ भारी-सा होता है। नागराज में मादा ही अंडों की सुरक्षा का ख्याल रखती है। इस दौरान मादा अंडों के लिए घास का घोंसला बनाकर उसमें कुंडली मारकर बैठी रहती है।

यहां तक आते-आते एक सवाल आपके दिमाग में भी उठने लगा होगा कि प्रजनन काल के दौरान एक सांप दूसरे सांप को देखकर कैसे पहचानता होगा कि सामने वाला नर है या मादा?
दरअसल नर और मादा सांपों में गुदाद्वार पर कस्तूरी ग्रंथियां होती हैं। मादा सांप में ये थोड़ी बड़ी होती हैं। सांप में हर जाति की अपनी एक खास किस्म की गंध होती है। प्रजनन काल में सांप अपने शरीर से गंध छोड़ता है और इसके आधार पर नर और मादा आकर्षित होते हैं।

सांपों के प्रजनन की बात हो रही है तो अक्सर बरसात के दिनों में दो सांप एक-दूसरे से लिपट कर, सांकल-सी लपेटें लिए दिखाई दे जाते हैं। अक्सर इस दृश्य को देखने के लिए भीड़ जमा हो जाती है। आमतौर पर यह समझा जाता है कि नर और मादा सांप प्रजनन कर रहे हैं। लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
दरअसल यह दो नर सांपों का औपचारिक युद्ध होता है। जब एक सांप के इलाके में दूसरा नर सांप आ जाए तो उसको भगाने के लिए पहला नर युद्ध करता है। हालांकि सांपों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर अभी काफी शोध की गुंजाइश है।


के.आर.शर्मा: शिक्षा संदर्भ केन्द्र, विद्या भवन संस्थान, उदयपुर में कार्यरत।
फोटो: के. आर. शर्मा