मार्टिन गार्डनर  

भाग: 1
जब रुस्तम मोहराबादी मंगल ग्रह पर बसी पृथ्वी-वासियों की कॉलोनी के पोस्ट मास्टर जनरल नियुक्त किए गए तो उन्हें लगा कि वे अब अपनी ज़िंदगी की एक ख्वाहिश पूरी कर सकते हैं। उनकी इच्छा थी कि वे इस तरह मूल्य चुनकर डाक टिकटें जारी करें कि 1 मारिया (मंगल ग्रह की मुद्रा) से लेकर अधिकतम जितने भी मारिया तक की ज़रूरत हो, अधिकतम तीन टिकटों को चिपकाने से लोगों का काम चल जाए।
उस वक्त मंगल ग्रह पर एक पोस्टकार्ड 1 मारिया का होता था, इसलिए ज़रूरी था कि सबसे छोटी डाक टिकट 1 मारिया की हो।
मान लो कि सबसे अधिकतम 7 मारिया की डाक टिकट की ज़रूरत होती तो केवल दो टिकटों से काम चल जाता -- जिनका मूल्य 1 और 3 मारिया हो। क्योंकि 1 से लेकर 7 मारिया तक के मूल्य के लिए अधिकतम 3 टिकटें लगाने से काम चल जाता, जैसा कि आप इस उदाहरण से समझ सकते हैं --

यदि आप इनके अलावा किसी भी अन्य मूल्य के दो टिकट चुनें तो आपको 1 से 7 तक के सब अंक नहीं मिल सकते। कोशिश करके देख लीजिए।
परन्तु रुस्तम मोहराबादी को 1 से लेकर 15 मारिया तक के मूल्यों की टिकटों की ज़रूरत थी। काफी सोच-विचार के बाद उसने तय किया कि तीन डाक टिकटें जारी करने से मंगल ग्रह में बसी कॉलोनियों की डाक व्यवस्था संभाली जा सकती है -- ताकि उसकी शुरुआती शर्त का भी पालन हो कि 1 से 15 मारिया तक के किसी भी डाकखर्च के लिए अधिकतम तीन टिकट चिपकाना पड़े।
आप पता लगा सकते हैं कि रुस्तम मोहराबादी ने कौन-सी तीन टिकटें जारी की होंगी?