रूचि चौरे

कैसे पता करे कि बीज श्‍वसन करते हैं कि नहीं?

बीज श्‍वसन करते हैं अथवा नहीं? यह एक ऐसा प्रश्‍न है जो कक्षा में कई बार उठ जाता है। आमतौर पर यही होता है कि ऐसा काई प्रश्‍न आते ही शिक्षक अपनी जानकारी के अनुसार तुरन्‍त उसका जवाब दे देता है।

जबकि ऐसे कई सवाल हमें मौका देते हैं कि विद्यार्थियों के साथ मिलकर उन्‍हें प्रयोग करके अपने सवालों का हल खेजना सिखा पाएं। इसलिए इस प्रश्‍न के संबंध में एक प्रयोग का जिक्र यहां कर रही हूं, जिसे बिना विशेष उपकरणों के आसानी से किया जा सकता है।

ज़रूरी सामग्री : कोनिककल फ्लास्‍क, एक छेदी कॉर्क, कांच की नली, बीकर, परखनली, इंजेक्‍शन की खाली शीशी, धागा, पानी, बीज और पोटेशियम हाईड्रॉक्‍साईड (KOH)

प्रयोग का तरीका : चित्र के मुताबिक सब उपकरण जमा लें। कोनिकल फ्लास्‍क में काफी सोर अंकुरित बीज डाल दें। इंजेक्‍शन की खाली शीशी में पोटेशियम हाइड्रॉक्‍साईड भरकर उसे कोनिकल फ्लास्‍क में धागे की सहायता से लटका दिया जाता है। कांच की नली का दूसरा सिरा बीकर में भरे पानी के अंदर रहना चाहिए। कोनिकल फ्लास्‍क को हवाचुस्‍त करना भी बेहद ज़रूरी है।

सिद्धांत: अब अगर अंकुरित बीज भी श्‍वसन करते हैं तो वे फ्लास्‍क के अंदर की ऑक्‍सीजन को अवशोषित कर कार्बन डाईऑक्‍साईड छोड़ेंगे। पोटेशियम हाईड्रॉक्‍साईड की यह विशेषता होती है कि वह कार्बन हाईऑक्‍साईड को सोख लेती है। ऐसा होने पर कोनिकल फ्लास्‍क के अंदर दबाव कम होगा जिससे कांच की नली के दूसरे सिरे में पानी ऊपर चढ़ने लगेगा।

तो आप प्रयोग करके देखिए और बताईए कि आपके प्रयोग में नली में पानी ऊपर चढ़ा या नहीं?


रूचि चौरे – शासकीय गृह विज्ञान महाविद्यालय, होशंगाबाद में अध्‍ययनरत।