पिछले अंक में पूछा गया सवाल
: एक फ्लास्‍क या किसी भी संकरे मुह के बर्तन में थोड़ा-सा पानी लेकर उसे गर्म करें। जब पानी उबलने लगे तो उसे नीचे उतार कर बर्तन के मुह पर एक गुब्बारा फंसा दीजिए (देखिए चित्र)। ओर बर्तन को ठंडा होने दीजिए। देखिए क्‍या होता है?

कई जवाब हमें मिले – लेकिन जिस खत में सही है उसमें लेखक का नाम स्‍पष्‍ट नहीं था। हां डाकघर की मोहर से यह मालूम पड़ा कि वो गुजरात से आया है। इस जवाब को हम प्रकाशित कर रहे हैं।

जवाब है: फ्लास्‍क में पानी उबालकर उसके मुंह पर गुब्‍बारा फंसाने के बाद ठंडा होने दिया तो गुब्‍बारा फ्लास्‍क के अंदर चला जाता है, या यूं कहो कि खिंच जाता है। गुब्‍बारा लगाते समय फ्लास्‍क में पानी की भाप होती है, जो ऊपर उठ रही तोती है। इसलिए गुब्बारा थोड़ा-सा फूलता है। ठंडा होने पर भाप पानी में बदल जाती है। इस वजह से फ्लास्‍क के अंदर शूनयवकाश पैदा होता है; और बाहर की हवा के दबाव के कारण गुब्‍बारा फ्लास्‍क में खिंचा चला जाता है।

14 वें अंक में जो कॉर्क के तैरने वाला सवाल पूछा गया था उसका सही जवाब विजेन्‍द्र सिंह, अध्‍यापक, रा.प्रा. विद्यालय, राधापुरा, किशनगंज, जि़ला बारां, राजस्‍थान ने भी भेजा था। लेकिन उनका खत हमें देर से मिला इसलिए उसे प्रकाशित नहीं कर सके।