जयश्री सुब्रह्मण्यम                                                                                                                                  [Hindi PDF, 76 kB]

संदर्भ के अंक 53 में ज़रा सिर खुजलाइए स्तंभ में प्रस्तुत पहेली में ‘न्यूटोनिया ग्रह पर जनसंख्या नियंत्रण’ के हल में कुछ गणितीय श्रेणियों का ज़िक्र किया गया था। इस लेख में जयश्री सुब्रह्मण्यम उन श्रेणियों के कुछ अन्य पहलुओं व विशेषताओं की ओर ध्यान दिला रही हैं।

संदर्भ के पिछले अंक में आपने समस्या को सुलझाने के लिए एक अनंत यानी अंतहीन (infinite) श्रेणी का जोड़ किया था:

1+2/3+4/9+8/27+.... (1)

और इसे हल करने के लिए आपने एक तरीका अपनाया:

मानो कि  x= 2/3+4/9+8/27+.... (2)

दोनों ओर2/3 से गुणा करने पर:

2/3x=4/9+8/27+16/81+......

=x-2/3  (समीकरण-2 के आधार पर)

इसलिए 2/3=x-2/3x=1/3x यानी x= 2

(x का मान मानते हुए समीकरण-1 में से 1 छोड़ने की क्या ज़रूरत थी? आप x=1+2/3+4/9+......मानकर देखिए और उसे दोनों तरफ से गुणा करके देखिए कि क्या पाते हैं?

परन्तु अगर आपके पास इस तरह की एक श्रेणी होती और उसका हल ढूंढने के लिए यही तरीका/ट्रिक अपनाएं तो क्या होगा?
मान लीजिए x=3/2+9/4+27/8+......
इस बार हमें दोनों तरफ 3/2से गुणा करना है जिससे हमें मिलेगा
3/2x=9/4+27/8+81/16+.......

=x-3/2 (समीकरण-3 इस्तेमाल करते हुए)

x-3/2x3/2=2x-3x=3/2

इसलिए - x=3 या x= -3 
यानी कि उस श्रेणी का जोड़ 1-3=-2 है।

यह संभव है क्या? क्या हम बहुत-सी धनात्मक संख्याओं के जोड़ के रूप में एक ऋणात्मक संख्या प्राप्त कर सकते हैं?
एक और उदाहरण देखें
1+12+13+...........(4)

और यही तरीका अपनाते हुए इस बार मान लें कि
x=12+13+14+.......(5)

दोनों ओर 1 से गुणा करने पर:
1x=13+14+......

x=x-12(समीकरण-5 की मदद से)
यानी कि  1=0  !!!

यह तो संभव ही नहीं है! ऐसा क्यों होता है?
आप ध्यान से इन तीनों श्रेणियों को देखिए:

1+2/3+4/9+8/27+...........(I)
1+3/2+9/4+27/8+...........(II)
1+12+13+14+ ..............(III)

इन सब श्रेणियों को पॉवर/घात श्रेणियां कहते हैं क्योंकि इन श्रेणियों में हर पद किसी नियत संख्या की घात है। किसी पॉवर श्रेणी का सामान्य स्वरूप ऐसा होगा:
1+x+x2+x3+.....

पहली श्रेणी में x=2/3 है, दूसरी श्रेणी में x=3/2 है, और तीसरी में है।
पहली श्रेणी का जोड़ निकालने के लिए हमने जो तरीका अपनाया, वही तरीका दूसरी और तीसरी श्रेणी के संदर्भ में विचित्र जवाब देता है। ऐसा क्यों होता हैं?
तीसरी श्रेणी को देखें। अगर हम 1 को अनंत बार जोड़ें तो हमें जोड़ अनंत ही मिलेगा।

दूसरी श्रेणी में हरेक पद/टर्म या तो एक के बराबर है या उससे बड़ा है:
3/2=1.5>1,9/4=2.25>1, 27/8=3.375>1

यानी कि इस श्रेणी का जोड़, तीसरी श्रेणी के जोड़ से ज़्यादा होगा जिसमें हरेक पद 1 है। अभी हमने देखा कि जिस श्रेणी में सब पद 1 के बराबर हैं उसका जोड़ अनंत होता है। इसलिए दूसरी श्रेणी का जोड़ अनंत से ज़्यादा होगा। परन्तु अनंत से ज़्यादा क्या हो सकता है? इसलिए दूसरी श्रेणी का जोड़ भी अनंत होगा।

(ΙΙ) और (III) जैसी श्रेणियां जिनका जोड़ अनंत (∞) हो उन्हें divergent या अपसारी श्रेणियां कहते हैं। जो तरीका हमने पहली श्रेणी को हल करने के लिए अपनाया वह डायवर्जेंट श्रेणियों के लिए काम नहीं करता। पहली श्रेणी convergent यानी अभिसारी है जिसमें कि अनंत पदों का जोड़ अनंत नहीं है बल्कि एक वास्तविक संख्या है। इसलिए उसका जोड़ निकालने के लिए यह तरीका काफी कारगर है।

परन्तु हम पहले से कैसे पता करें कि कोई श्रेणी डायवर्जेंट है या कोनवर्जेंट? सामान्य तौर पर यह पता करना आसान नहीं होता। परन्तु पॉवर श्रेणियों के लिए एक प्रमेय है जिसके अनुसार श्रेणी कोनवर्जेंट तभी होगी 0≤ x < 1 अगर यानी कि उसके हर पद का मान 1 से कम और शून्य से ज़्यादा या शून्य के बराबर है।

पहली श्रेणी के लिए x=2/3 < 1 इसलिए यह कोनवर्जेंट है और इसलिए हम उसके लिए वह खास तरीका अपना सके।
दूसरी और तीसरी श्रेणी के लिए x ≥ 1 इसलिए वे डायवर्जेंट हैं।

अब एक और श्रेणी को देखें:
1-2/3+4/9-8/27+16/81+....... (6)

यह भी एक पॉवर श्रेणी है जिसमें x= -2/3 है।

इसलिए x= -2/3 = 2/3 -  2/3 <1 यानी कि यह श्रेणी भी कोनवर्जेंट है। इसका जोड़ क्या होगा? वही तरीका अपनाते हुए
x=1-2/3 + 4/9 - 8/27 + ......... (7)

दोनों तरफ -2/3 से गुणा करने पर
-2/3x=-2/3 + 4/9 - 8/27 + 16/81 ........

(समीकरण-7 इस्तेमाल करने पर)
1= x + 2/3 x = 5/3x = x = 3/5

आप भी अन्य श्रेणियों की जांच करके देखिए कि वे कोनवर्जेंट हैं या डायवर्जेंट, और फिर उन पर यही तरीका अपनाकर देखिए कि जवाब क्या आता है।


जयश्री सुब्रह्मण्यम: गणित में अध्ययन और अध्यापन के बाद एकलव्य में गणित शिक्षण पर काम कर रही हैं। भोपाल में रहती हैं।