सवाल: ट्यूबलाइट शुरू होने पर ‘हम्म्म' की आवाज़ क्यों आती है?
 - माध्यमिक शाला, मानिकपुर आश्रमशाला, ज़िला-अमरावती, महाराष्ट्र

जवाब: कमरे में प्रवेश करके आप ट्यूबलाइट चालू करते हैं और एक भिनभिनाहट की आवाज़ सुनाई पड़ने लगती है। आपने ज़रूर सोचा होगा कि यह आवाज़ क्यों आती है। तो इस बार हम इसी आवाज़ की प्रक्रिया को समझने की कोशिश करेंगे।

ट्यूबलाइट क्या होती है और कैसे काम करती है?
ट्यूबलाइट का आविष्कार एक जर्मन आविष्कारक एडमंड जर्मर ने किया था। इसे कई नामों से जाना जाता है – प्रतिदीप्त (फ्लोरेसेंट) लैम्प, प्रतिदीप्त नलिका और गैस डिस्चार्ज लैम्प। इसमें प्रकाश दो चीज़ों की वजह से पैदा होता है – विद्युत और पारद यानी मरक्यूरी या आर्गन की वाष्प। यह अल्प-दाब पारद वाष्प डिस्चार्ज की परिघटना के सिद्धान्त पर काम करती है। इस प्रक्रिया में ट्यूब की आन्तरिक सतह पर फॉस्फर लेप की मदद से पराबैंगनी विकिरण को दृश्य प्रकाश में बदला जाता है। जब ट्यूबलाइट को चालू किया जाता है तो गैस में प्रवाहित होती विद्युत धारा पारद वाष्प को उत्तेजित कर देती है। यह वाष्प कम तरंग लम्बाई का पराबैंगनी प्रकाश उत्पन्न करती है जो फॉस्फर लेप को चमक देता है।

ट्यूबलाइट सीधे-सीधे विद्युत सप्लाई से काम नहीं करती। इसे काम करने के लिए कुछ सहायक पुर्ज़ों की आवश्यकता होती है। पहला पुर्ज़ा है बैलास्ट, जिसे आम बोलचाल में चोक कहते हैं। यदि धारा पर अंकुश लगाने के लिए बैलास्ट न हो तो किसी उच्च वोल्टेज वाले स्रोत से जुड़ा प्रतिदीप्त लैम्प बहुत ज़्यादा धारा खींच लेगा। ऐसे में एक सेकण्ड के अन्दर लैम्प अत्यधिक गर्म होकर जल जाएगा। जब लैम्प को चालू किया जाता है, तब एक छोटी-सी अवधि के लिए बैलास्ट बहुत उच्च वोल्टेज प्रदान करता है ताकि लैम्प के दो इलेक्ट्रोड के बीच विद्युत स्फुरण (आर्क) स्थापित हो जाए। एक बार आर्क स्थापित हो जाने पर बैलास्ट वोल्टेज को कम कर देता है और विद्युत धारा का नियमन करता है ताकि अनवरत प्रकाश पैदा होता रहे।

बैलास्ट एक विद्युत-चुम्बकीय उपकरण होता है। यह एक इंडक्टर के समान होता है जिसमें एक ठोस लौह कोर के आसपास ताँबे का तार लिपटा होता है। इसकी मदद से प्रतिदीप्त लैम्प का वोल्टेज नियंत्रित किया जाता है। पुराने पड़ चुके बैलास्ट में भिनभिनाहट इसलिए होती है क्योंकि ऐसा बैलास्ट वोल्टेज को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाता और बार-बार क्षति पहुँचाता रहता है। इस शोर को पैदा करने वाली परिघटना का वैज्ञानिक नाम मैग्नेटोस्ट्रिक्शन है।
अब, जब आप इस शोर का कारण समझ गए हैं, तो क्या आप इसका कोई समाधान सुझा सकते हैं? इससे छुटकारा कैसे पाएँ? अपने सुझाव हमें लिख भेजिए।


कोकिल चौधरी: संदर्भ पत्रिका से सम्बद्ध हैं।
अँग्रेज़ी से अनुवाद: सुशील जोशी: एकलव्य द्वारा संचालित स्रोत फीचर सेवा से जुड़े हैं। विज्ञान शिक्षण व लेखन में व्यापक दखल एवं गहरी रुचि।