एम्बर (जीवाश्मित रेजि़न) में तिलचट्टों का मल सुरक्षित मिलना तो काफी आम है। लेकिन उत्तरी म्यांमार की हुकॉन्ग घाटी से बरामद किए गए करीब 1 करोड़ वर्ष पुराने एम्बर नमूनों में तिलचट्टा (कॉकरोच) और उसका मल दोनों साथ मिले हैं। एम्बर में किसी जीव का मल और सम्बंधित जीव दोनों का साथ मिलना काफी दुर्लभ है।
नेचरविसेनशाफ्टेन (प्रकृति विज्ञान) में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने मल का बहुत बारीकी से अवलोकन किया है। उन्हें कॉकरोच की विष्ठा में संरक्षित परागकण दिखे, जिससे पता चलता है कि साइकस वृक्षों के परागण में तिलचट्टों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। (साइकस वृक्षों से ऐसा रस निकलता है जिसमें यह बदकिस्मत कॉचरोच फंस गया।) विष्ठा में शोधकर्ताओं को प्रोटोज़ोआ और बैक्टीरिया भी मिले हैं जो आजकल की दीमक और कॉकरोच की आंतों में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों से मिलते-जुलते हैं, जिससे लगता है कि कीट और उनकी आंत के सूक्ष्मजीवों का साथ लगभग एक करोड़ वर्ष पहले से है।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह अध्ययन अन्य वैज्ञानिकों को रेजि़न में फंसे जीवों की ही नहीं बल्कि उनकी विष्ठा का भी बारीकी से पड़ताल करने को प्रोत्साहित करेगा।(स्रोत फीचर्स)