पिछली बार हमने आपसे सवाल पूछा था कि कई घरों में सीढ़ियों पर लगा हुआ बल्ब दो स्विच से जुड़ा होता है - एक स्विच सीढ़ी के ऊपर और दूसरा सीढ़ी के नीचे। दोनों में से किसी भी स्विच से सीढ़ी पर लगा बल्ब जलाया या बुझाया जा सकता है। हमने आपसे इस युक्ति के लिए परिपथ मांगा था और कहा था कि यदि आपको दो स्विच वाला सवाल आसान लग रहा हो तो आप इस बात पर भी विचार कर सकते हैं कि क्या ऐसा परिपथ तीन स्विच को लेकर भी बनाया जा सकता है? जवाब जानने से पहले आइए उज्जैन के कृपाशंकर सक्सेना का खत पढ़ लेते हैं।

"अंक 11 में 'जरा सिर तो खुजलाइए’ पढ़ा। उसमें वास्तव में सर खुजलाना पड़ रहा है। जीने की वायरिंग के लिए जो स्विच प्रयुक्त होते हैं उनका तकनीकी नाम ‘टू वे स्विच' है। और अधिक स्थान से बल्ब को जलाने के लिए जो स्विच प्रयुक्त किए जाते हैं उन्हें ‘थ्री वे स्विच' कहा जाता है। इसी तरह 'फोर वे' भी होते हैं।
मेरे बताए स्विच तथा सीढ़ी से कंट्रोल के चित्र मैं थोड़े समय में भेज रहा हूं। क्या आप साधारण स्विच से बल्ब को कंट्रोल करने का डायाग्राम बताएंगे?"

तो मामला 'टू वे स्विच' और 'साधारण स्विच के बीच कहीं अटक रहा है। हमारे पास जितने भी खत आए हैं और व्यक्तिगत रूप से मिलने पर भी सबने यही कहा कि 'टू वे स्विच' से तो ऐसा परिपथ आसानी से बन जाएगा पर ‘साधारण स्विच' से बिल्कुल भी नहीं। आप सबकी बात सही भी है और गलत भी। पर यह सही है कि आपको गलत साबित करने के लिए थोड़ी जालसाज़ी करनी पड़ेगी। इसलिए उसकी बात अंत में करेंगे।

खैर, आइए अब जवाब की ओर बढ़ते हैं। इतना तो साफ है कि ये सीढ़ियों वाले स्विच आम स्विच से थोड़े अलग होते हैं। इस स्विच को 'टू वे स्विच' कहते हैं। सबसे पहले यही देखें कि साधारण स्विच और इनमें आखिर फर्क क्या है।

किसी बिजली का सामान बेचने वाली दुकान में जाकर दुकानदार से कहिए कि आपको एक साधारण स्विच' और एक टू वे स्विच' दिखाए। ऊपर से देखने पर भी दोनों स्विच में थोड़ा-सा अंतर नज़र आता है। साधारण स्विच' पर 'ऑन-ऑफ' लिखा होता है या कुछ पर कुछ भी नहीं लिखा होता। जबकि टू स्विच' पर आमतौर पर दोनों तरफ नान बिन्दु बने होते हैं। अब दोनों स्विच पलटकर देखिए। आपको 'साधारण स्विच' में दो पिन दिखेंगीं परन्तु 'टु वे स्विच' में तीन पिंन दिखेंगी।

साधारण स्विच को जब ऑन स्थिति में रखते हैं तो परिपथ बना रहता हैं और ऑफ स्थिति में परिपथ टूट जाता है। इस मामले में 'टू चे स्विच' थोड़े अलग होते हैं। आगे की बात सीधे मीदियों पर आकर हीं समझते हैं।

सबसे पहले दो 'टू में स्विच' लेते हैं। स्विच S1, सीढ़ियों पर नीचे लगाया है और स्विच S2, सर्जियों के ऊपर लगाया गया हैं। और जीने में एक बल्ब लगा है जिसे हम दोनों स्विच में लाना-बुझाना चाहते हैं।

इस परिपथ में 'इ वें स्विच' का पीछे वाला हिस्सा दिखाया गया है जो तीन पिन दिग्बती हैं। जैसा कि परिपथ में साफ दिख रहा हैं, घरेलू वायरिंग में से एक तार सीधे ही अन्य से जोड़ दिया गया है। अन्य का दूसरा तार सीढ़ी के पर लगाए स्विच S2, की बीच वाली पिन में कहा गया है।
घरेलू बारिग में आ हा दुसरा तार सीढ़ी के नीचे लगे स्विच S1, फी बीच वा
ली पिन में कहा गया है। दोनों स्विच S1 और S2 की बाकी पिन जोड़ते हुए दो सामानांतर तार लगा दिए गए हैं।

अब चित्र के सहारे समझने की कोशिश करते हैं कि बल्ब कब जलेगा और कब बुझेगा। चित्र-3 और चित्र-4 मैं दर्शाई गई स्थितियों में तो बल्ब जलेगा। क्योंकि पहली स्थिति में ऊपर के तार P से परिपथ पूरा हो रहा हैं और इस स्थिति में नीचे के तार P, के ज़रिए।

चित्र 3 और 4: इन दोनों परिपथों मे बल्ब जलेगा क्योंकि परिपथ तार P1 और P2 से पूरा हो रहा है। 

चित्र 5 और 6: इन दोनों परिपथों मे बल्ब नहीं जलेगा क्योंकि परिपथ P1 और P2 से पूरा नहीं हो पा रहा है 

चित्र-5 और चित्र-6 में दर्शाई गई स्थितियों में बल्ब नहीं जलेगा क्योंकि दोनों ही स्थितियों में परिपथ पूरा नहीं हो रहा है। लेकिन इस स्थिति में किसी भी स्विच का खटका ऊपर-नीचे कर देने पर परिपथ पूरा हो जाएगा परिपथ-3 या परिपथ-4 जैसी स्थिति बन जाएगी। और फिर से स्विच S1 या स्विच S2  के खटके को ऊपर या नीचे चलाया जाए तो परिपथ 5 या 6 जैसी स्थिति बन जाएगी यानी बल्ब बुझ जाएगा।

अब हम शुरूआती मुद्दे पर लौट आते हैं कि क्या इस तरह का परिपथ साधारण 'ऑन-ऑफ' वाले स्विच से भी बनाया जा सकता है। ऐसे दो स्विच से नहीं लेकिन चार स्विच से ज़रूर बनाया जा सकता है। बस, जालसाज़ी यहीं है कि आप दो-दो साधारण स्विच को आपस में ऐसे जोड़ते हैं कि वे 'टू वे स्विच जैसा काम देने लगें। काम बहुत मुश्किल नहीं है पर थोड़ा सोच-समझकर करना पड़ेगा। दो साधारण स्विच' एक दूसरे से सटाकर लगा लीजिए लेकिन इस तरह कि एक नीचे की ओर ऑन होता हो तो दूसरा ऊपर की तरफ ऑन होता हो - जैसा कि चित्र-7 में दिखाया गया है। अब ऐसी स्थिति में दोनों स्विच के नीचे की तरफ की पिन के बीच एक तार कस दीजिए। यह तो हो गई हमारे ‘टू

*घरेलू वायरिंग का इस्तेमाल करते हुए ऐसा परिपथ बनाते समय यह सावधानी रखना अत्यंत जरूरी है कि फेज़ और न्यूट्रल का ध्यान रखा जाए। फेज़ और न्यूट्रल की पहचान टेस्टर की मदद से की जा सकती है। फेज़ वाले तार को टेस्टर से छूने पर टेस्टर का बल्ब जल उठेगा। न्यूट्रल वाले तार के साथ ऐसा नहीं होता।

चित्र-7: दो साधारण स्विच पास-पास इस तह सटाकर रखते हैं कि एक स्विच का ऑन दूसरे स्विच के ऑफ के सामने आए। अब दोनों स्विच की आमने-सामने की एक-एक पिन को तार की मदद से आपस में जोड़ देते हैं।

चित्र-8: दो-दो साधारण स्विच से बनाए गए 'टू वे स्विच' और उनके बीच का परिपथ। ध्यान इस बात का रखना है कि स्विच S1 या S2 के दोनों खटके एक साथ ऊपर या एक साथ नीचे करें।

वे स्विच' की बीच वाली पिन। चार साधारण स्विच से बनाए गए दो ऐसे स्विच सीढ़ी के दोनों तरफ लगा दीजिए और पहले की तरह इन दोनों के बीच परिपथ बना लीजिए। साधारण स्विच से भी आप वही काम ले पाएंगे जो आपने 'टू वे स्विच' से लिया था।

यदि दो साधारण स्विच मिलाकर टू वे स्विच बनाया है तो ध्यान रहे कि दोनों के खटके एक ही तरफ रहें - चाहें तो नीचे रहें या फिर ऊपर। अब आप ही सोचिए कि आपके द्वारा बनाए गए स्विच के दोनों खटकों में से अगर एक को ऊपर की तरफ रखा और दूसरे को नीचे की तरफ तो क्या गड़बड़ होगी?