आपने मेंढकों को कूदते, तैरते, चढ़ते, और यहां तक कि सरकते हुए भी देखा होगा। लेकिन इन उभयचरों की चार अजीब प्रजातियों में एक अलग ही खूबी विकसित हुई है: ये कूद-फांद करने की बजाय चलते हैं।
ये चार प्रजातियां हैं: सेनेगल रनिंग मेंढक, बम्बलबी टोड, लाल-बैंडेड रबर मेंढक, और टाइगर-लेग्ड मंकी मेंढक। ये मेंढक अन्य चौपाए जानवरों की तरह नहीं चलते हैं बल्कि शिकार की ओर खामोशी से बढ़ने वाली बिल्ली की तरह जमीन पर रेंगते हैं।

इसकी जांच-पड़ताल के लिए टीम ने इन मेंढकों की टांगों के सापेक्ष आकार को मापा और उनके चलने की शैली और गति को देखा। हालांकि ये चार प्रजातियां परस्पर सम्बंधित नहीं हैं, लेकिन जर्नल ऑफ़ एक्सपेरिमेंटल ज़ुऑलॉजी पार्ट ए: इकॉलॉजी एंड इंटीग्रेटिव फिज़ियोलॉजी में उनकी रिपोर्ट के अनुसार इनकी अगली और पिछली टांगें लगभग बराबर लंबी होती हैं। सामान्य मेंढक की अगली टांगें पिछली टांगों की तुलना में छोटी और कम शक्तिशाली होती हैं। हालांकि उपरोक्त चार प्रजातियों में अगली टांगें पिछली के मुकाबले थोड़ी छोटी हैं लेकिन चलते समय वे इन्हें खींच-खांचकर बराबर कर लेते हैं।

शोधकर्ता अभी यह नहीं समझ पाए हैं कि ये मेंढक चलते क्यों हैं, लेकिन एक तथ्य यह है कि चारों प्रजातियां एक ही तरह के घास के मैदानों में रहती हैं जहां शाखाओं या पत्तों की कमी होती है। इसलिए, शिकारियों से बचने के लिए कूदने से बेहतर चलना हो सकता है। वैसे विकास ने इन प्रजातियों का मेंढकपन पूरी तरह से समाप्त नहीं किया है। कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि ये मेंढक अभी भी कूद और तैर सकते हैं। यह अलग बात है कि वे आम तौर पर ऐसा नहीं करते हैं। (स्रोत फीचर्स)