तारे हमसे बहुत दूर हैं, उनका वज़न नापने की कल्पना करना भी मुश्किल लगता है। मगर संयुक्त राज्य अमेरिका, युनाइटेड किंगडम और कनाडा के वैज्ञानिकों ने मिलकर पृथ्वी से 18 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एक तारे की संहति का मापन करने में सफलता प्राप्त की है। और यह काम संभव हुआ है आइंस्टाइन द्वारा 100 साल पहले प्रतिपादित सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत के आधार पर। दरअसल, स्वयं आइंस्टाइन ने इस विधि का सुझाव 1936 में दिया था और साथ ही यह भी कहा था कि व्यावहारिक स्तर पर शायद यह काम न आए।
सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार प्रकाश की किरणें जब किसी विशाल पिंड (जैसे किसी तारे) के पास से गुज़रती हैं तो मुड़ जाती हैं। इसे गुरुत्व लेंस प्रभाव कहते हैं और इसे कई बार देखा जा चुका है। दरअसल सौर मंडल से बाहर के कई ग्रहों की खोज इसी प्रभाव के अवलोकन की मदद से की गई है। ब्लैक होल वगैरह के बारे में जानकारी प्राप्त करने में भी यही प्रभाव उपयोगी साबित होता है।

अपने मूल रास्ते से ये किरणें कितनी भटकेंगी यह उस पिंड के द्रव्यमान पर निर्भर होता है। यदि हम इस विचलन को नाप लें तो पिंड का द्रव्यमान पता कर सकते हैं। किंतु भटकाव इतना कम होता है कि आइंस्टाइन को लगता था कि इसे शायद ही कभी सटीकता से नापा जा सके। अब युनाइटेड स्टेट्स, युनाइटेड किंगडम और कनाडा के खगोल शास्त्रियों की एक टीम ने प्रकाश के मार्ग में इस विचलन को नापने के लिए हबल अंतरिक्ष दूरबीन के आंकड़ों का सहारा लिया है। सबसे पहले तो उन्होंने उन तारों को खोजना शु डिग्री किया जो निकट भविष्य में पृथ्वी के साथ एक सीध में आने वाले थे।

उन्होंने पाया कि पृथ्वी से मात्र 18 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित तारा स्टाइन 2051बी मार्च 2014 में एक अन्य तारे के सामने से गुज़रने वाला है। जब वास्तव में यह घटना घटी तब खगोल शास्त्रियों ने पीछे वाले तारे की स्थिति में हुए थोड़े से आभासी विचलन को नाप लिया। साइन्स शोध पत्रिका में अपने शोध पत्र में उन्होंने बताया है कि तारे की स्थिति में आभासी विचलन के आधार पर पता चलता है कि स्टाइन 2051बी का द्रव्यमान हमारे सूरज (जो एक तारा ही है) का लगभग दो-तिहाई है।
इससे पहले भी स्टाइन 2051बी के द्रव्यमान की गणना के प्रयास अन्य विधियों से किए गए थे किंतु ताज़ा आंकड़े ने इस तरह के अनुमानों पर विराम लगा दिया है। वैसे इस तकनीक की उपयोगिता अभी सीमित ही है क्योंकि तारों का इस तरह सीध में आना बहुत बिरली घटना होती है। (स्रोत फीचर्स)