ठगों को कौन पसंद करता है? कौए भी ऐसे धोेखेबाज़ों को पसंद नहीं करते और पता चला है कि एक बार धोखा खाने के बाद उन्हें काफी समय तक याद रखते हैं।
कौए अपनी बुद्धिमत्ता के लिए मशहूर हैं। उन्हें पनीर जैसे खाद्य पदार्थ भी बहुत भाते हैं। तो कुछ शोधकर्ताओं ने कुछ कौओं को प्रशिक्षित किया कि वे ब्रेड के कुछ टुकड़े देकर मनुष्यों से पनीर का टुकड़ा ले लें। अब कौओं ने दो तरह के इंसानों के साथ यह वस्तु विनिमय किया - एक न्यायप्रिय और दूसरे धोखेबाज़। न्यायप्रिय मनुष्यों ने अपेक्षा के अनुरूप सही ढंग से पूरा लेन-देन किया। दूसरी ओर, धोखेबाज़ मनुष्यों ने कौओं से ब्रेड तो ले ली किंतु बदले में पनीर का टुकड़ा नहीं दिया और उसे भी खुद खा गए।

एक महीने बाद जब यही प्रयोग फिर से किया गया तो कौओं ने उन धोखेबाज़ मनुष्यों के साथ विनिमय नहीं किया जिन्होंने पहली बार उचित व्यवहार नहीं किया था। एनिमल बिहेवियर नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित अपने शोध पत्र में विएना विश्वविद्यालय के जे.जे.ए. मुलेरा व उनके साथियों ने कहा है कि इससे पता चलता है कि कौए न सिर्फ न्यायप्रिय और धोखेबाज़ मनुष्यों के बीच भेद कर सकते हैं, बल्कि वे इस बात को कम से कम एक महीने तक याद भी रखते हैं।
शोधकर्ताओं का मत है कि कौओं का सामाजिक जीवन काफी पेचीदा होता है जिसमें शत्रुताएं और मित्रताएं होती हैं। ऐसी परिस्थिति में बेईमान सदस्य को पहचानकर सज़ा देने की क्षमता काफी मायने रखती है। अलबत्ता, मनुष्यों के लिए इस कहानी का एक ही सबक है: कौओं से व्यवहार में ईमानदारी बरतो। (स्रोत फीचर्स)