हाल ही में वारसा के पोलिश रिसर्च इंस्टिट्यूट के जेरार्ड जिअरलिंस्की ने एक यूनानी द्वीप पर मानव पदचिंह खोजे हैं जो संभवत: 57 लाख साल पहले बने थे। इस खोज ने एक बार फिर मानव की उत्पत्ति को लेकर विवाद छेड़ दिया है।
ऐसा माना जाता है चिम्पैंज़ी हमारे सबसे नज़दीकी जीव वैज्ञानिक सम्बंधी हैं और ये दो जीव 70 लाख से 1.3 करोड़ वर्ष पूर्व विकास की अलग-अलग राह पर चल पड़े थे। जो राह मानव की ओर गई उस पर जिन मानव सदृश जीवों का विकास हुआ उन्हें होमिनिन कहते हैं। सबसे प्राचीन होमिनिन जीवाश्म 40 लाख साल पहले के हैं जो पूर्वी अफ्रीका में मिले थे। इनके अलावा कुछ संभावित जीवाश्म 60-70 लाख साल पुराने भी हैं जो कीन्या और चाड में मिले हैं।

अब जो जीवाश्म मिले हैं वे चाड से उत्तर-पूर्व में करीब 2500 किलोमीटर दूर ट्रेचिलोस नामक द्वीप पर मिले हैं।  अब तक मिले जीवाश्मों के आधार पर मान्यता यह बनी है कि आधुनिक मानव के पूर्वजों की उत्पत्ति पूर्वी अफ्रीका में हुई थी और वहां से वे पूरी दुनिया में फैले। मगर ट्रेचिलोस द्वीप पर मिले पदचिंहों के जीवाश्म इस धारणा को चुनौती देते लग रहे हैं।
जिअरलिंस्की की टीम ने ट्रेचिलोस में जो जीवाश्म खोजे हैं वे एक जीव के पदचिंहों के हैं। टीम का मत है कि जीवाश्म के अध्ययन से एक बात तो स्पष्ट है कि यह जीव दोपाया था यानी दो पैरों पर चलता था। दूसरी बात यह पता चलती है कि इसके पैरों में पांच उंगलियां थीं और उनमें से एक काफी बड़ी थी (आजकल के मनुष्यों के अंगूठे के समान)। और इन पदचिंहों में जानवरों के समान पंजों के निशान नहीं हैं।

अब सवाल यह है कि 57 लाख साल पहले जिस जीव के पदचिंह ट्रेचिलोस द्वीप पर अंकित हुए थे, वह क्या मनुष्य का पूर्वज था। इस संदर्भ में जिअरलिंस्की का कहना है कि इन पदचिंहों में एक और खास बात है। चिंम्पैंज़ी जैसे जानवरों के पैर का अंगूठा मोड़ा जा सकता है और उसे उंगलियों के सामने लाया जा सकता है। ट्रेचिलोस पदचिंहों में अंगूठा बाकी उंगलियों के समांतर है, जैसा मनुष्यों में होता है।

इन सब लक्षणों के आधार पर कई संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। पहली और सबसे विवादास्पद संभावना यह है कि, हो न हो, मनुष्य की उत्पत्ति पूर्वी अफ्रीका में नहीं बल्कि युरोप में हुई थी। दूसरी संभावना यह है कि वह जीव गोरिल्ला जैसा कोई प्राणि था जो मनुष्यों के समान दो पैरों पर चल सकता था। या यह भी हो सकता है कि ट्रेचिलोस के पदचिंह चिंम्पैंज़ी के ही हैं जिसने उस समय अपना अंगूठा सीधा करके रखा था। इन सबके बीच निर्णय तो और प्रमाण मिलने के बाद ही किया जा सकेगा। (स्रोत फीचर्स)