ऐसा देखा गया है कि जब हमें कोई नई जानकारी मिलती है तो उसे तब आसानी से स्वीकार करते हैं जब वह हमारी पूर्व-धारणाओं को पुष्ट करती हो। मगर यदि नई जानकारी हमारी पहले से बनी धारणाओं के विरुद्ध हो, तो उसे स्वीकार करने में हिचकते हैं। एक अध्ययन ने तो यहां तक बताया है कि चाहे थोड़ा वित्तीय घाटा ही क्यों न उठाना पड़ें, हम अपने पूर्वाग्रहों के विरुद्ध जानकारी को स्वीकार करने में हिचकते हैं। इसे पुष्टिकरण पूर्वाग्रह कहते हैं।

पूर्वाग्रहों से सम्बंधित ताज़ा अध्ययन पैरिस स्थित इकोल नॉर्मेल सुपीर्योर के स्टीफेनो पामिन्टेरी और उनके साथियों ने किया है। यह तो पहले ही कई अध्ययन दर्शा चुके हैं कि प्रमाण सामने आने के बावजूद लोग अपने पूर्वाग्रहों को आसानी से नहीं छोड़ते। पामिन्टेरी ने इस बात की जांच एक कदम आगे जाकर की।
पामन्टेरी की टीम ने 20 वालंटियर्स के सामने एक काम रखा। यह एक किस्म का खेल था जिसमें व्यक्ति को दो संकेत दिखाए जाते थे। उसे उसमें से एक संकेत को चुनना होता था और संकेत के चुनाव के आधार पर उसे कुछ वित्तीय पारितोषिक मिलता था। पहले चक्र में कई बार यह खेल खेलने के बाद वालंटियर्स भांप गए कि विभिन्न संकेतों का वित्तीय मूल्य क्या है।

तब दूसरा चक्र शुरू किया गया। इसमें भी उन्हें करना यही था कि दो में से एक अमूर्त संकेत चुनें और अपना पारितोषिक ले लें। मगर अंतर यह था कि इस चक्र में उन्हें उनके द्वारा चुने गए तथा उनके द्वारा ना चुने गए दोनों संकेतों का मूल्य बताया जाता था।
पहले चक्र में वालंटियर्स को यह सीखना था कि किस संकेत का मूल्य क्या है जबकि दूसरे चक्र को इस तरह गढ़ा गया था कि वालंटियर्स यह देख पाएं कि जो संकेत उन्होंने नहीं चुना था, वह ज़्यादा मूल्य का भी हो सकता है। मगर इस दूसरे चक्र ने वालंटियर्स की पसंद को नहीं बदला। यह जानते हुए भी कि कुछ संकेत ज़्यादा मूल्यवान हैं, वे वही संकेत चुनते चले गए जिन्हें उन्होंने पहले चक्र में मूल्यवान पाया था।

पामिन्टेरी का मत है कि इससे पता चलता है कि लोग नई जानकारी को आसानी से स्वीकार नहीं करते, चाहे उसमें उनका नुकसान ही क्यों न होता रहे। प्लॉस कंप्य़ूटेशनल बायोलॉजी शोध पत्रिका में प्रकाशित इस शोध पत्र का निचोड़ यह है कि यदि आप मानते हैं कि आप पूर्वाग्रहों से मुक्त हैं, तो आपके पूर्वाग्रहों का उन्मूलन असंभव जैसा ही है। मगर यदि आप अपने पूर्वाग्रहों के प्रति जागरूक हैं तब भी उनसे छुटकारा पाना मुश्किल होता है। (स्रोत फीचर्स)