भाव्या खुल्लर एवं नवनीत कुमार गुप्ता

अक्सर चोट लग जाने के बाद गहरे घावों को भरने में बहुत समय लग जाता है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने घावों को जल्द भरने का एक तरीका खोजा है। साइंटिफिक रिपोट्र्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार आवेशित हवा की तेज़ धार से घावों को जल्द भरा जा सकता है। इस आवेशित हवा को नॉन-थर्मल प्लाज़्मा या एनटीपी कहते हैं।
सामान्य दाब और तापमान पर एक प्रबल विद्युतीय क्षेत्र में बहती गैस एनटीपी उत्पन्न करती है। इसमें इलेक्ट्रॉन, आयन जैसे आवेशित कण और सक्रिय ऑॅक्सीजन, सक्रिय  नाइट्रोजन तथा पराबैंगनी किरणें होती हैं। घाव पर प्रति वर्ग सेंटीमीटर क्षेत्र पर प्रति मिनट लगभग 640 खरब आवेशित कण पैदा होते हैं।

एनटीपी के प्रभाव की जांच करने के लिए वैज्ञानिकों ने चूहों पर इसका इस्तेमाल किया। घायल होने से एक दिन पहले, चूहों को बेहोशी की दवा दवा दी गई। चूहों की पीठ एक पंचिंग मशीन की सहायता से 8 मिलीमीटर गहरा घाव किया गया।
इसके बाद घाव पर सिर्फ 2 मिनट के लिए एनटीपी छिड़का गया। चूहों को खुले घाव पर एनटीपी छिड़काव से उत्पन्न दर्द से निजात दिलाने के लिए दर्द निवारक दवा दी गई थी। फिर घावों की पट्टी की गई। प्रथम एनटीपी उपचार के बाद दूसरे और तीसरे दिन फिर से घाव पर एनटीपी छिड़काव किया गया। दो सप्ताह तक हर तीसरे दिन घाव का आकार मापा गया।

परिणाम आश्चर्यजनक थे। दो-दो मिनट के लिए किए गए एनपीटी छिड़काव ने चूहों की त्वचा के घाव को जल्द भर दिया। असल में एनपीटी घाव की जगह पर मौजूद जीवाणुओं को नष्ट कर देता है।
अध्ययन करने वाले चेक गणराज्य की एकेडमी ऑफ साइंस और चेक गणराज्य की चाल्र्स युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि “एनटीपी के प्रभाव से जीवाणुओं की कोशिका झिल्ली नष्ट हो जाती है।”

आवेशित कणों के अतिरिक्त एनटीपी में उपस्थित सक्रिय ऑॅक्सीजन भी घावों को संक्रमण से मुक्त रखती हैं जिससे घायल ऊतकों की मरम्मत तेज़ी से होती है। एनटीपी को पहले से ही कई क्लीनिकल परीक्षणों में सुरक्षित पाया जा चुका है हालांकि अभी तक वैज्ञानिकों को एनटीपी द्वारा घावों को तेज़ी से ठीक करने की आणविक क्रियाविधि के बारे में पता नहीं था। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि अनुपचारित घाव की बजाय एनटीपी द्वारा उपचारित घाव तेज़ी से भरता है।

एनटीपी उपचार के बाद, घाव पर नई चमड़ी आ गई और वहां कोलाजन भी अधिक जमा हुआ। शुरुआती दिनों में एनटीपी उपचार घाव पर अधिक प्रभावी नहीं पाया गया। लेकिन सात दिनों के बाद इसके उल्लेखनीय प्रभाव देखे गए। चूहों पर पूर्ण प्रयोग के दौरान एनटीपी उपचार के कोई साइड प्रभाव भी नहीं देखे गए।
उपरोक्त अध्ययन ने घाव चिकित्सा में प्लाज़्मा के उपयोग के महत्व को दर्शाया है। इस अध्ययन के बाद गहरे घाव भरने के लिए एनटीपी के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग की दिशा में तेज़ी से कार्य होगा, जो काफी अच्छी खबर है। (स्रोत फीचर्स)