धीरे-धीरे विज्ञान में महिलाओं की भूमिका और योगदान को मान्यता मिलने लगी है। किंतु आज भी टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में उनके योगदान को उतना नहीं सराहा जाता है। हर माह स्रोत के आखरी आवरण पर टेक्नॉलॉजी में महिलाओं के योगदान की चर्चा की जाएगी।

नैंसी जॉनसन और आइसक्रीम बनाने की मशीन
यहां दिया गया चित्र कई लोगों के लिए आइसक्रीम बनाने और खाने की यादें ताज़ा करा देगा। शायद ही लोगों ने सोचा होगा कि आइसक्रीम बनाने-खाने में इस मशीन ने क्या योगदान दिया होगा और इसे सबसे पहले किसने बनाया होगा।
इस मशीन का आविष्कार एक महिला नैंसी जॉनसन (1795-1890) ने 1843 में किया था और पेटेंट भी प्राप्त किया था। इस मशीन के योगदान को समझने के लिए यह समझना ज़रूरी है कि इससे पहले आइसक्रीम कैसे बनाया जाता था।

धातु के एक बर्तन में दूध, शकर मिलाकर भर दिए जाते थे। इसे अच्छी तरह बंद करके एक बर्फभरे टब में रखा जाता था और उसे हिलाया जाता था। थोड़ी देर बाद उस बर्तन को खोलकर उसकी दीवारों पर जो दूध जम गया होता, उसे खुरचकर बाकी दूध में मिला देते थे और एक बार फिर से बर्तन को अच्छी तरह बंद करके हिलाते थे। ऐसा कई बार करने के बाद आइसक्रीम तैयार हो जाता था।

आप देख ही सकते हैं कि यह आसान काम नहीं है। मगर नैंसी जॉनसन ने जो डिज़ाइन बनाई उसने इस पूरी प्रक्रिया को सरल बनाया। उनकी मशीन में लकड़ी की एक बड़ी बाल्टी होती थी जिसमें बर्फ और नमक का मिश्रण भर दिया जाता। इसके अंदर एक थोड़ा छोटा धातु का बर्तन होता था। इस बर्तन के अंदर एक डैशर होता था। बर्तन में दूध, शकर, सुगंध वगैरह डालकर ढक्कन बंद कर दिया जाता था और फिर एक हैंडल की मदद से डैशर को घुमाया जाता था। डैशर का काम यह होता था कि बर्तन की अंदरुनी दीवार पर जो दूध जम जाए उसे खुरचकर वापिस दूध में मिला दे। कुछ समय बाद डैशर को घुमाना मुश्किल होता जाता था और जब क्रैंक घूमना बंद कर देता था, तो समझ लीजिए आइसक्रीम तैयार है।

बर्फ में नमक मिलाने से बर्फ के गलने का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है जो आइसक्रीम जमाने के लिए अच्छा होता है। क्रैंक को घुमाने की वजह से सारा दूध ठंडक के संपर्क में आता है और जम चुका दूध बर्तन के बीच में चला जाता है। इसमें बर्फ का खर्च भी बहुत कम होता था।
जॉनसन के पास इस आविष्कार को उत्पादन के चरण में लाने के लिए धन नहीं था। इसलिए उन्होंने इसके पेटेंट के अधिकार 1848 में विलियम जी. यंग नाम के एक व्यक्ति को बेच दिए जिसने इस मशीन को जॉनसन पेटेंट आइसक्रीम फ्रीज़र के नाम से काफी समय तक बेचा। इस मशीन ने आइसक्रीम को सब की पहुंच में ला दिया।