यूके की जैव-टेक्नॉलॉजी कंपनी ऑक्सीटेक ने जेनेटिक तकनीक से एडिस एजिप्टी प्रजाति का एक ऐसा मच्छर विकसित किया है जिसकी संतानें कम उम्र में ही मर जाती हैं। माना जा रहा है कि यदि इस मच्छर को पर्यावरण में छोड़ दिया जाए तो अगली पीढ़ी की संतानें जल्दी मरेंगी और मच्छर की आबादी में गिरावट आएगी और डेंगू का फैलाव भी घटेगा।
मगर ब्राज़ील (जहां इस मच्छर के परीक्षण हुए हैं) सरकार की स्वास्थ्य नियामक संस्था अन्विसा ने तय किया है कि वह इस उद्यम की निगरानी एक नई चिकित्सा टेक्नॉलॉजी के रूप में करेगी। इसका मतलब है कि अभी इसे पूरी मंज़ूरी नहीं मिली है।

ऑक्सीटेक द्वारा विकसित एडिस एजिप्टी (वह मच्छर जो डेंगू व ज़ीका वायरस को फैलाने के लिए ज़िम्मेदार है) में एक जीन रोपा गया है, जिसकी वजह से उसकी संतानें जल्दी मरती हैं। उम्मीद यह है कि ये मच्छर सामान्य मच्छरों के साथ प्रजनन करेंगे तो जल्दी ही एडिस एजिप्टी की संख्या कम हो जाएगी। पहले ब्राज़ील में किए गए परीक्षण में इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि वाकई मच्छरों की तादाद तेज़ी से कम होती है। ब्राज़ील की जैव-टेक्नॉलॉजी नियामक संस्था ने इस जेनेटिक रूप से परिवर्तित मच्छर को सुरक्षित भी घोषित कर दिया है किंतु पर्यावरण समूहों का मत है कि अभी भी इस सम्बंध में और गहन परीक्षणों की ज़रूरत है।

एक सवाल यह भी रहा है कि क्या इन मच्छरों को छोड़कर आबादी कम करने से डेंगू के प्रकोप में कोई कमी आएगी। इस मामले में ब्राज़ील के एक प्रांत में एक नगर पालिका क्षेत्र में किए गए परीक्षणों से पता चला था कि डेंगू के प्रकोप में कमी आती है। साओ पौलो प्रांत के पिरासिकाबा नगर पालिका क्षेत्र के सचिव ने बताया है कि वर्ष 2014-15 के डेंगू मौसम में डेंगू के 132 मामले सामने आए थे। जब वहां जीएम मच्छर छोड़े गए तो वर्ष 2015-16 में मात्र 4 मामले सामने आए।
अब एक बार फिर नए सिरे से परीक्षण किए जाएंगे। इसमें सिर्फ उन लोगों की गिनती नहीं की जाएगी जिनमें डेंगू के लक्षण प्रकट हों बल्कि खून में डेंगू वायरस की उपस्थिति के आधार पर आकलन किया जाएगा।
वैसे कई जीव वैज्ञानिक यह भी आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि हो सकता है कि यह तकनीक तत्काल तो असरदार साबित हो मगर लंबे समय में नाकाम रहे, क्योंकि यह संभव है कि मादा मच्छरों में जंगली नरों के प्रति आकर्षण का गुण विकसित हो जाए, जिनकी संतानें जीएम मच्छरों की अपेक्षा ज़्यादा देर तक जीवित रहती हैं।
वैसे जीएम मच्छर छोड़ना ही एकमात्र तरीका नहीं है। ब्राज़ील सरकार के समक्ष और भी कई प्रस्ताव हैं जिन पर विचार चल रहा है। (स्रोत फीचर्स)