टोक्यो विश्वविद्यालय के हिरोमी नाकामुरा ने एक ऐसा कांटा (फोर्क) विकसित किया है जो खाने में नमक का स्वाद पैदा करता है। उनका कहना है कि इसके उपयोग से व्यक्ति अपने भोजन में नमक में कटौती कर सकेगा।
दरअसल, ज़रूरत से ज़्यादा नमक का सेवन हृदय रोग को बढ़ावा देता है और रक्त संचार सम्बंधी कई तकलीफों के लिए ज़िम्मेदार माना जाता है। उच्च रक्तचाप के मरीज़ों को कम नमक खाने की सलाह आम तौर पर दी जाती है। मगर हमें नमक का स्वाद पसंद है। इसी नमकीन समस्या से निपटने के लिए नाकामुरा ने पूरे 6 साल की मेहनत से यह कांटा तैयार किया है जो नमक के बिना भी नमक का स्वाद देता है।
नाकामुरा ने पहले तो यह अध्ययन किया कि हमारे दिमाग तक नमक के स्वाद की अनुभूति कैसे पहुंचती है। उन्होंने पाया कि यदि जीभ पर उपस्थित नमकीन स्वाद ग्रंथियों को विद्युत संकेत के ज़रिए उत्तेजित किया जाए तो दिमाग को नमकीन अनुभूति होने लगती है।

6 साल के शोध के दौरान नाकामुरा ने तमाम तरह से, तमाम तीव्रता वाले विद्युत संकेत जीभ की स्वाद ग्रंथियों को प्रदान किए। अंतत: वे एक ऐसा कांटा बनाने में सफल रहे। जब एक पत्रकार शाऊ तान्जी पर इस कांटे का परीक्षण किया गया तो नतीजे अत्यंत उत्साहवर्धक रहे। पहले उन्हें बगैर नमक का पोर्क (सुअर का मांस) खाने को दिया गया, जिसे उन्होंने साधारण कांटे की मदद से खाया। बिलकुल बेस्वाद लगा। फिर उन्हें यह नमकीन कांटा दिया गया। इससे खाया तो उसी बेस्वाद पोर्क का स्वाद बदल गया।
इस कांटे की लागत फिलहाल करीब 20 डॉलर है। इसे बार-बार चार्ज करना पड़ता है। एक बार चार्ज करने पर यह करीब 6 घंटे तक लावण्यमय बना रहता है। दिखने में तो यह एकदम साधारण कांटे जैसा है मगर भोजन का स्वाद बदलने की क्षमता रखता है।
अभी शोधकर्ताओं ने इसे व्यापारिक स्तर पर उतारने की कोई योजना नहीं बनाई है मगर उन्हें लगता है कि उनका यह आविष्कार हृदय रोगों की रोकथाम में काफी कारगर साबित हो सकता है। अभी तो यह भी पता नहीं है कि क्या आम लोग इसे पसंद करेंगे। वह सब बाद की बात है मगर आइडिया तो दिलचस्प है ही। (स्रोत फीचर्स)