मछलियों, सांप-छिपकलियों, पक्षियों और मानव समेत सारे स्तनधारियों के साझा पूर्वज का जीवाश्म मिला है। इस जीवाश्म में विचित्र बात यह दिखती है कि उस जंतु का मुंह तो था मगर गुदा नहीं था।
दरअसल यह जंतु बहुत सूक्ष्म था और इसे सेकोफायटस नाम दिया गया है। यह नाम इस आधार पर दिया गया है कि इसका शरीर अंडाकार थैली जैसा होता था और इसका मुंह होता था। यह जीव आज से करीब 54 करोड़ वर्ष पूर्व पृथ्वी पर मौजूद था। इस जीवाश्म की खोज चीन में की गई है।
वैसे देखें तो यह जीवाश्म अनाज के काले दानों जैसे दिखता है। मगर सूक्ष्मदर्शी से देखा जाए तो इसकी बारीक संरचना अचंभित कर देती है।
इस जीवाश्म को खोजने का काम कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के साइमन कॉन्वे मॉरिस और उनके साथियों ने किया है। जीवाश्म के अध्ययन से लगता है कि सेकोफायटस लगभग 1 मिलीमीटर का रहा होगा और समुद्र के पेंदे में रेत के कणों के बीच रहता होगा। सबसे अजीब बात यह देखी गई कि पूरे शरीर की तुलना में इसका मुंह अत्यंत विशाल आकार का था।

जीवाश्म के अध्ययन के आधार पर शोधकर्ताओं का यह भी मत बना है कि इसकी चमड़ी लचीली रही होगी और मांसपेशियों का तंत्र भी रहा होगा। इसके सहारे यह रेंगता होगा।
बड़ा मुंह देखकर शोधकर्ताओं को लगता है कि यह भोजन के कण या अन्य छोटे-छोटे जंतुओं को निगलकर उदरपूर्ति करता होगा। मगर गुदा के कोई निशान या प्रमाण नहीं मिले। इससे तो लगता है कि भोजन के पाचन के बाद अपशिष्ट को मुंह के रास्ते ही बाहर निकाला जाता होगा।
शोधकर्ताओं ने बताया है कि यह एक बड़े समूह ड्यूटरोस्टोम का सदस्य लगता है। ड्यूटरोस्टोम जंतुओं का एक बड़ा समूह था जिसमें रीढ़धारी जंतुओं समेत कई उपसमूह थे। टीम के मुताबिक यह ऐसे ड्यूटरोस्टोम में भी सबसे आदिम नमूना है। इस जंतु के शरीर पर कुछ शंकु आकार की रचनाएं भी पाई गईं जो संभवत: आजकल की मछलियों के गलफड़ों का आदिम रूप रही होंगी। (स्रोत फीचर्स)