शरीर पर धारण करने वाली टेक्नॉलॉजी एक कदम और आगे बढ़ी है। जर्मनी के सारलैण्ड विश्वविद्यालय के मार्टिन वीजेल और उनके साथियों ने ऐसे अस्थायी टैटू के साथ प्रयोग किए हैं जिनका उपयोग एक स्मार्ट फोन को चलाने के लिए किया जा सकता है। ये टैटू गुदवाने के बाद आप अपनी उंगली की पोरों, चमड़ी की झुर्रियों, कलाइयों वगैरह को हिला-डुलाकर या छूकर स्मार्ट फोन के कई ऐप्स का संचालन कर पाएंगे।
वीजेल की टीम और गूगल के शोधकर्ताओं ने एक अस्थायी टैटू-कागज़ पर विद्युत की सुचालक स्याही की मदद से तार व इलेक्ट्रोड के चित्र उकेरे। इस प्रकार से बने टैटू को वे स्किनमार्क्स कहते हैं। ये आपके बाल से भी पतले होते हैं। इस टैटू-कागज़ पर बनी आकृति को पानी की मदद से चमड़ी पर उतारा गया। यह दो दिन तक बनी रहती है और उसके बाद अपने आप घिसकर समाप्त हो जाती है।

इस प्रकार से बने इलेक्ट्रॉनिक टैटू आपकी त्वचा में होने वाले परिवर्तनों (जैसे, मुड़ना या खिंचना) के प्रति संवेदी होते हैं। उदाहरण के लिए, आप एक उंगली की साइड में बने टैटू पर दूसरी उंगली को रगड़ेंगे तो फोन का वॉल्यूम बढ़ जाएगा। और तो और, यदि उसी टैटू वाली उंगली को मोड़ेंगे तो वह प्ले-एंड-पॉज़ बटन की तरह काम करेगी। एक टैटू है जो चमकता है - कहते हैं कि जब प्रियतम फोन के लिए उपलब्ध है तो वह टैटू चमकेगा और आप उसे छुएंगे तो फोन लग जाएगा।
ये सारी बातें मई में कोलेरैडो में होने वाले कंप्यूटर-मानव अंतर्क्रिया सम्मेलन में प्रस्तुत की जाएंगी। अभी यह तो नहीं कहा जा सकता कि कल आप जाकर ऐसे ई-टैटू गुदवा सकेंगे मगर शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि एक दशक में वह स्थिति आ जाएगी।

फिलहाल इस टेक्नॉलॉजी के उपयोग में कुछ अड़चनें हैं। जैसे अभी इन गोदनों को एक कंप्यूटर से जोड़कर प्रयोग किए गए हैं। इन्हें किसी एंड्रॉइड फोन से जोड़ने के लिए पापड़ बेलने होंगे। इसके अलावा इस पूरी व्यवस्था के नियंत्रण के लिए जो तरीका है उसे छोटा करना होगा ताकि उसे शरीर पर आसानी से धारण किया जा सके। फिलहाल विचार एक कड़े जैसी चीज़ का है। तो जल्दी ही ई-टैटू संचार क्रांति का हिस्सा बनने जा रहा है। (स्रोत फीचर्स)