मादा ड्रेगन फ्लाई अनचाहे प्रेमियों से बचने के लिए एक इन्तहाई गुर अपनाती है - वह उड़ते-उड़ते अचानक गिरती है और मर जाने का बहाना करती है। इस ट्रिक का पता ज़्यूरिश विश्वविद्यालय के रसीम खलीफा को एक फील्ड ट्रिप के दौरान चला।
खलीफा और उनके साथी स्विस आल्प्स में मूरलैण्ड हॉकर ड्रेगनफ्लाई (Aeshna juncea) के लार्वा इकट्ठे कर रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक मादा ड्रेगनफ्लाई ने आसमान में उड़ते हुए अचानक गोता लगाया और ज़मीन पर टपक गई। इस समय एक नर ड्रेगनफ्लाई उसके पीछे पड़ा था। ज़मीन पर टपकने के बाद मादा अपनी पीठ के बल बिलकुल गतिहीन पड़ी रही, लगता था सिधार गई है। जल्दी ही वह नर उसे मरा जानकर वहां से रफूचक्कर हो गया। आकाश साफ होते ही मादा एक बार फिर उड़ने लगी।

दरअसल, मादा मूरलैण्ड हॉकर ड्रेगनफ्लाई को कई बार ऐसे नरों का सामना करना पड़ता है। खास तौर से यह खतरा उन मादाओं के लिए ज़्यादा होता है जो अकेले ही अंडे देती हैं, अपने नर साथी की सुरक्षा के बगैर। यदि एक और नर से यौन समागम हो जाए, तो उसके सारे अंडे निषेचित हो जाते हैं और उसके बाद का कोई भी समागम उसके प्रजनन मार्ग को नुकसान पहुंचा सकता है और जानलेवा भी साबित हो सकता है।
अपने व्यवस्थित अवलोकनों में खलीफा ने पाया कि मादा ड्रेगनफ्लाई कई बार घनी झाड़ियों में छिप जाती हैं। उन्होंने पाया कि 31 में से 27 ड्रेगनफ्लाई ने मरने का स्वांग किया और 21 नर को झांसा देने में सफल रहीं। ये अवलोकन इकॉलॉजी नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। वैसे एक अन्य शोधकर्ता का कहना है कि इस तरह तेज़ रफ्तार पर उड़ते हुए टपकना खतरनाक होता है और मादा इसका उपयोग तभी करेगी जब नर उसे ज़्यादा ही परेशान कर रहे हों।
बहुत ही कम जंतुओं में अपने प्रेमी को झांसा देने के लिए मरने का बहाना करने की ट्रिक देखी गई है। एक मकड़ी, रॉबर फ्लाई की दो प्रजातियों तथा एक मैन्टिस में ऐसा देखा गया है। दूसरी ओर, शिकारी से बचने के लिए मरने का नाटक करना ज़्यादा आम बात है। (स्रोत फीचर्स)