यह तो जानी-मानी बात है कि कुछ लोगों को मीठा बहुत पसंद होता है। इस संदर्भ में किए गए अनुसंधान से शकर के प्रति इस लगाव के तंत्रिका मार्गों के बारे में काफी कुछ पता चल चुका है। किंतु अब ताज़ा शोध बता रहा है कि हो न हो, शकर की चाहत आपके डीएनए यानी जीन्स में अंकित होती है।
वैज्ञानिकों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने डेनमार्क के साढ़े 6 हज़ार से ज़्यादा व्यक्तियों के जीन्स के आंकड़ों को खंगाला। ये लोग हृदय रोग के एक अध्ययन में शामिल थे। हमारे डीएनए में एक जीन होता है क़क्रक़21 जो कुछ लोगों में थोड़ा परिवर्तित रूप में पाया जाता है। टीम ने पाया कि जिन लोगों में FGF21 का परिवर्तित रूप था उनमें शकर की चाहत 20 प्रतिशत ज़्यादा थी।

क़क्रक़21 नामक यह जीन एक एंज़ाइम का निर्माण करवाता है जो चूहों और प्रायमेट्स में भोजन का नियमन करता है। नए शोध से तो लगता है कि यही जीन मनुष्यों में भी भोजन की पसंद में कुछ भूमिका निभाता है। यह एंज़ाइम लीवर में बनता है। अर्थात लीवर हमारी भोजन की पसंद-नापसंद के निर्धारण में शामिल है।
बात को और स्पष्ट करने के लिए कोपनहेगन विश्वविद्यालय के मैथ्यू गिलम के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने हज़ारों वालंटियर्स के बारे में पसंदीदा भोजन के आंकड़े जुटाए और इनका सम्बंध खून में कोलेस्ट्रॉल और शकर की मात्रा से जोड़ने की कोशिश की। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि जो वालंटियर्स शकर बहुत अधिक पसंद करते थे उनमें FGF21 का परिवर्तित रूप पाए जाने की संभावना भी अधिक थी। और तो और, यही परिवर्तित जीन व्यक्ति को अन्य समस्यामूलक भोजन के प्रति भी लालायित करता है।

अध्ययन में एक और रोचक बात सामने आई - जिन लोगों में FGF21 का परिवर्तित रूप पाया गया और शकर के प्रति चाहत भी अधिक देखी गई, उनका वज़न उनके डील डौल की तुलना में कम ही था। तकनीकी भाषा में उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) कम था। यह एक आश्चर्यजनक बात है क्योंकि आम तौर पर माना जाता है कि जो लोग ज़्यादा शकर खाते हैं उनमें मोटापे की संभावना भी ज़्यादा होती है। इस विषय में आगे शोध की ज़रूरत है। (स्रोत फीचर्स)