हाल ही में अमेरिकी सरकार ने ग्लोबल कोविड शिखर वार्ता में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) में विकसित 11 चिकित्सा प्रौद्योगिकियों के लाइसेंस ‘पेटेंट पूल' में डालने पर सहमति जताई है। उम्मीद है कि इससे निम्न व मध्यम आय वाले देशों की कोविड-19 के टीकों, दवाइयों और निदान तकनीकों तक पहुंच आसान हो सकेगी।
सरकार ने यह सहमति संघीय सरकार द्वारा वित्त पोषित आविष्कारों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा गठित कोविड-19 टेक्नॉलॉजी एक्सेस पूल के लिए दी है। WHO इन लाइसेंस को एक गैर-मुनाफा संस्था मेडिसिन पेटेंट पूल (एमपीपी) को सौंप देता है जो इन तकनीकों को निर्माताओं के लिए कम से कम शुल्क में उपलब्ध कराता है।
यह योजना अमीर देशों में विकसित दवाइयों को व्यापक स्तर पर सुलभ बनाने के लिए किए गए प्रयास का हिस्सा है, जिसे नॉलेज इकॉलॉजी इंटरनेशनल के जेम्स लव ने दो दशक पहले गरीब देशों में एचआईवी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अभियान से शुरू किया था।
2010 में बने एमपीपी में अब तक कई एचआईवी-रोधी दवाइयों के पेटेंट शामिल हैं। अब इसमें कोविड-19 के दो उपचारों के पेटेंट भी शामिल हो गए हैं - फाइज़र की पैक्सलोविड और मर्क की मोलनुपिराविर। इस समझौते के तहत कंपनियों को मौजूदा कोविड-19 के टीके बनाने में उपयोग होने वाले उन्नत आविष्कार मिल पाएंगे; जैसे सार्स-कोव-2 के स्पाइक प्रोटीन को स्थिरीकृत करने की तकनीक। इन प्रौद्योगिकियों से कंपनियां पूरी तरह से नए उत्पाद बनाने को भी स्वतंत्र होंगी। दवा निर्माताओं के लिए शोध उपकरण और नैदानिक परीक्षण भी इस समझौते का हिस्सा हैं।
एमपीपी दवा निर्माताओं के साथ सौदा करता है कि वे गरीब देशों की कंपनियों से इन तकनीकों या उपकरणों के उपयोग का कम से कम रॉयल्टी शुल्क लें, या शुल्क ना लें। बहरहाल, एनआईएच के लाइसेंस मात्र एक बाधा को ही हटाते हैं। इसके बाद भी कई अलग-अलग पेटेंट धारकों के साथ लाइसेंस के समझौते करने पड़ते हैं।
गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए कंपनियों और संस्थानों पर उनकी बौद्धिक संपदा (तकनीकों के पेटेंट) सार्वजनिक उपयोग के लिए जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के प्रयास के तहत हुए इस समझौते से एक प्रभाव यह भी होगा कि अनिच्छुक कंपनियों पर अपने पेटेंट इस पूल में साझा करने का दबाव बन सकता है। विश्व व्यापार संगठन और WHO के नेतृत्व में महामारी तैयारी संधि के बीच अत्यावश्यक दवाओं के पेटेंट जल्द से जल्द साझा किए जाने पर भी चर्चा चल रही है। (स्रोत फीचर्स)