कई लोगों का विश्वास होता है कि उन्हें पहली नज़र में प्यार हो गया है। लेकिन नेदरलैंड के ग्रोनिंजेन विश्व विद्यालय के मनोवैज्ञानिक फ्लोरियन ज़ोस्क और उनके साथियों ने हाल ही में एक अध्ययन में स्पष्ट किया है कि ‘पहली नज़र का यह प्यार’ प्रेम का वास्तविक जज़्बात नहीं बल्कि शारीरिक आकर्षण ही ज़्यादा होता है।

ज़ोस्क और उनकी टीम ने इस संदर्भ में कुछ सवालों का जवाब पाने के लिए कई प्रयोग किए। जैसे क्या सच में पहली नज़र में पहला प्यार उसी क्षण होता है या यह ऐसा कुछ है जो व्यक्ति को बाद में तब याद आता है जब उसे वास्तव में प्यार हो जाता है? पहली नज़र के प्यार में शारीरिक आकर्षण कितना काम करता है? क्या पहली नज़र का प्यार उस प्यार से अलग होता है जिसकी चर्चा रोमांटिक सम्बंधों के संदर्भ में की जाती है?

इन सबका जवाब पाने के लिए समूह ने 400 व्यस्कों को लिया जो विषमलैंगिक महिलाएं थीं। अधिकांश प्रतिभागी डच या जर्मन छात्र थे। एक समूह के वालंटियर्स ने अपने बारे में एक सर्वे प्रपत्र भरा जिसमें उन्होंने यह भी बताया कि यदि उनका कोई साथी है तो वे उसके बारे में कैसा महसूस करते हैं। फिर इन वालंटियर्स को यौन प्राथमिकता के आधार पर कुछ अजनबियों के चित्र दिखाए गए और उनके साथ डेटिंग की कल्पना करने को कहा गया।

इसके बाद उन्हें दूसरा प्रश्नपत्र भरने के लिए कहा गया, लेकिन इसे भरने के दौरान उन्हें अपनी काल्पनिक डेटिंग को ख्याल में रखना था। इस बार प्रतिभागियों को यह बताना था कि वे इस तरह के कथनों से कितने सहमत हैं: “मुझे लगता है कि यह व्यक्ति और मैं एक-दूजे के लिए बने हैं”, या “मुझे इस व्यक्ति से पहली नज़र में प्यार महसूस हो रहा है”। उन्होंने एक से लेकर पांच के बीच में एक पैमाना रखा था और प्रतिभागियों को संभावित पार्टनर के लिए इस पैमाने पर रेटिंग करने के लिए कहा गया।
बाकी प्रतिभागी, जिन्होंने बताया था कि वे अकेले हैं, एक दावत में रूबरू आए जहां वे एक-दूसरे से पहली बार मिले थे। ये मुलाकातें या तो छोटे-छोटे समूहों में हुई या अकेले में। इन प्रतिभागियों से भी एक प्रश्नपत्र भरवाया गया जिसमें पूछा गया कि उन्होंने अपने भावी पाटर्नर के प्रति कैसा महसूस किया।

इसके बाद ज़ोस्क की टीम ने करीब 500 मुलाकातों का अध्ययन किया। इनमें से 49 मुलाकातें ऐसी थीं जिसके बाद किसी ने पहली नज़र में प्यार का ज़िक्र किया। अर्थात पहली नज़र में प्यार की घटना सिर्फ इतनी नहीं है कि लोग उसे तब याद करते हैं जब वे वास्तव में प्यार में पड़ जाते हैं। अलबत्ता, लोगों की प्रतिक्रिया में एक सामान्य बात देखी गई: जिन लोगों ने पहली नज़र में प्यार की बात कही, उन्होंने अपने साथी को शारीरिक रूप से ज़्यादा आकर्षक भी बताया, बनिस्बत उन लोगों के जिन्होंने पहली नज़र में प्यार की बात नहीं कही।
इसके अलावा पहली नज़र में प्रेम की बात करने वाले लोग, पहले से रिश्ते में बंधे लोगों के मुकाबले प्रेम के आकलन के मामले में भी कमज़ोर रहे।

एक रोचक बात यह भी उभरी कि जिन लोगों ने अपने वर्तमान साथी के साथ पहली नज़र में प्यार होने की बात की, उनमें एक अजीब सी उत्कंठा भी नज़र आई (जैसे काश मुझे पता होता कि तुम्हें कैसे छोड़ूं) बनिस्बत उन लोगों के जिन्होंने पहली नज़र में प्यार महसूस होने की बात नहीं की थी।
शोधकर्ताओं के मुताबिक इस अध्ययन से कई रोमांटिक ख्याली किले ध्वस्त होंगे मगर विज्ञान में सारे निष्कर्ष अस्थायी होते हैं, इसलिए पहली नज़र में प्यार को पूरी तरह खारिज भी नहीं किया जा सकता। (स्रोत फीचर्स)