प्रदीप

सदियों से ब्रह्मांड मानव को आकर्षित करता रहा है। इसी आकर्षण ने खगोल वैज्ञानिकों को ब्राहृांडीय प्रेक्षण और ब्रह्मांड अन्वेषण के लिए प्रेरित किया।

ब्रह्मांड के रहस्यों की कुछ परतों को खोलने के क्रम में अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान नासा ने हमारे सौर मंडल के तुल्य एक नए सौर मंडल का पता लगाया है, जिसके प्रधान तारे केप्लर-90 के इर्द-गिर्द आठ ग्रह परिक्रमा कर रहे हैं। दरअसल, यह तारा और उसके सात ग्रह पहले ही खोज लिए गए थे, मगर अब वहीं पर आठवें ग्रह की भी पहचान कर ली गई है, जिसको केप्लर-90त् नाम दिया गया है। ऐसे में केप्लर-90 तंत्र की तुलना हमारे सौर मंडल से की जा सकती है क्योंकि केप्लर-90 के पास हमारे सूर्य के जैसे आठ ग्रह हैं। गौरतलब है कि हमारे सौर मंडल के बाहर खोजा गया यह अब तक का सबसे बड़ा सौर मंडल है।
इस ग्रहीय तंत्र का नाम केप्लर-90 दिया गया है क्योंकि इसे केप्लर अंतरिक्ष दूरबीन के द्वारा खोजा गया है। केप्लर अंतरिक्ष दूरबीन को नासा ने 7 मार्च 2009 को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया था। इसका काम सूर्य से इतर किंतु उसी तरह के अन्य तारों के इर्द-गिर्द ऐसे बाह्र ग्रहों को ढूंढना है जो पृथ्वी से मिलते-जुलते हों और उन पर जीवन की संभावना हो। इसने करीब 1 लाख 50 हज़ार तारों की जांच-पड़ताल की है। खगोल वैज्ञानिकों ने केप्लर दूरबीन के डैटा का विश्लेषण करते हुए अब तक लगभग 2,500 ग्रहों की खोज की है। नासा की इस नवीनतम खोज में डैटा विश्लेषण के लिए गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की भी सहायता ली गई है, जिसे विकसित करने का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के बसने योग्य ग्रहों की तलाश करना रहा है।

मज़ेदार बात यह है कि केपलर-90 के ग्रहों की व्यवस्था हमारे सौर मंडल जैसी ही है। इसका मतलब यह है कि इसके ग्रह हमारे सौर मंडल की तरह के ही क्रम में हैं। इसमें भी हमारे सौर मंडल की भांति छोटे ग्रह अपने तारे से नज़दीक हैं और बड़े ग्रह उससे काफी दूर हैं। नासा ने 14 नवंबर को आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित अपने प्रेस वक्तव्य में बताया है कि इस खोज से पहली बार स्पष्ट होता है कि ब्रह्मांड में दूर स्थित किसी तारा तंत्र में हमारे जैसे ही सौर परिवार मौजूद हो सकते हैं। यह सौर मंडल हमसे करीब ढाई हज़ार प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।

इस महत्वपूर्ण खोज में शामिल रहे टेक्सास विश्व विद्यालय के नासा सैगन पोस्ट डॉक्टरल फेलो एवं खगोल विज्ञानी एंड्रू वेंडरबर्ग का कहना है, “केपलर-90 के ग्रहों की प्रणाली हमारे सौरमंडल का एक छोटा रूप है। इसके भीतर छोटे और बाहर बड़े ग्रह हैं। लेकिन सभी ग्रह काफी करीब हैं।’’ वे नए ग्रह केप्लर 90त् के बारे में कहते हैं, “नया ग्रह पृथ्वी से करीब 30 प्रतिशत बड़ा माना जा रहा है। हालांकि यह ऐसी जगह नहीं है, जहां आप जाना चाहेंगे।’’ उन्होंने बताया कि यहां काफी चट्टानें हैं और वातावरण भी घना नहीं है। सतह का तापमान काफी ज़्यादा है और इससे लोग झुलस सकते हैं। 

नासा की इस नवीनतम खोज को कुछेक वेबसाइट्स एवं समाचार पत्रों ने एलियन की खोज की घोषणा से जोड़ा था। नासा द्वारा इस खोज की घोषणा करने हेतु बुलाई गई पत्रकार वार्ता के लिए जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया था कि “अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 2009 से केप्लर अंतरिक्ष दूरबीन के माध्यम से पता लगाने में प्रयासरत है कि पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर भी जीवन है या नहीं। इस मामले में वैज्ञानिकों को अब कुछ पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं। इनके बारे में ये वैज्ञानिक ही मीडिया को जानकारी देंगे।’’ इससे सनसनी फैल गई और लोगों को लगा कि 14 दिसंबर को नासा मीडिया के सामने एलियंस से जुड़ा कोई बड़ा खुलासा कर सकती है। मगर नासा ने इन सभी अफवाहों को नकारते हुए आठ ग्रहों वाले नए सौरमंडल की खोज की घोषणा की।

निकोलस कॉपरनिकस ने सर्वप्रथम बताया था कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है तथा पृथ्वी ब्रह्मांड के केंद्र में नहीं है। आगे जियोर्डानो ब्रूनो ने यह बताया था कि सूर्य एक तारा है और ब्रह्मांड में अनगिनत तारे हैं। उन्होंने यहां तक कहा था कि आकाश अनंत है, तथा हमारे सौरमंडल की तरह अनेक और भी सौरमंडल इस ब्रह्मांड में उपस्थित हैं। 18वीं सदी आते-आते दूसरे सौरमंडलों के होने की ब्रूनो की कल्पना को सामान्य रूप से स्वीकार कर लिया गया था। इसके चलते सूर्य की ब्रह्मांड में विशिष्ट स्थिति पर खतरा मंडराने लगा। बात तब और भी स्पष्ट हो गई जब यह पता चला कि सूर्य भी हमारी आकाशगंगा के अरबों तारों में से एक है और यह वहां भी केंद्र में नहीं है।

नासा की यह नवीनतम खोज एक महत्वपूर्ण समाचार है, क्योंकि इसने एक बार फिर ब्रूनो की परिकल्पना की वैज्ञानिक दृष्टि से पुष्टि की है। उम्मीद है निकट भविष्य में केप्लर पृथ्वी जैसे किसी ग्रह की खोज का समाचार देगा जहां पर जीवन हो सकता है। लेकिन ध्यान रखने की बात यह है कि इस तरह के समाचारों के सत्यापन में वर्षों का समय भी लग सकता है। चिराग रगड़ा और एलियन प्रकट हुआ जैसी मानसिकता विज्ञान के बारे में सतही जानकारी रखने की परिचायक है। (स्रोत फीचर्स)