वर्ष 1947 में दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक घड़ी स्थापित की थी जो यह बताती है कि मानवजाति खुद का सर्वनाश करने से कितने समय की दूरी पर है। हाल में बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइन्टिस्ट्स ने कयामत की इस घड़ी के कांटों को मध्यरात्रि के थोड़ा नज़दीक दर्शाने का फैसला लिया है। यह फैसला बढ़ते परमाणविक खतरों और बेलगाम जलवायु परिवर्तन के मद्देनज़र लिया गया है। बुलेटिन के अनुसार आज हम कयामत से उतनी ही दूर हैं जितने द्वितीय विश्व युद्ध के समय थे।

बुलेटिन के निदेशक मंडल में 15 नोबेल विजेता वैज्ञानिक शामिल हैं। मंडल का निष्कर्ष है कि पिछले कुछ समय से यूएस नौसेना की हलचल की वजह से दक्षिणी चीन सागर में तनाव, पाकिस्तान और भारत के तनावपूर्ण सम्बंध, यूएस और रूस के बीच सैन्य खींचतान तथा विश्व नेताओं द्वारा असंयमित परमाणविक लफ्फाज़ी के चलते आज हम सर्वनाश के ज़्यादा करीब हैं। निदेशक मंडल ने उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षणों तथा यूएस के राष्ट्रपति ट्रंप तथा उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जॉन्ग-उन द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों पर भी चिंता व्यक्त की है।
एक ओर यूएस व रूस अपने परमाणु अस्त्र भंडार को ठिकाने लगाने को लेकर कुछ नहीं कर रहे हैं वहीं यूएस राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौते का भी विरोध किया है। इस समझौते के तहत ईरान परमाणु हथियार बनाने के प्रयास रोकने वाला था।

बुलेटिन के मुताबिक दूसरी बड़ी समस्या जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित है जो दुनिया को सर्वनाश की ओर धकेल रही है। पिछले वर्ष वैश्विक तापमान रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा, यूएस के जंगलों में ज़बरदस्त आग लगी (जो शायद सूखे का परिणाम था) और बर्फ का आवरण और पतला हो गया। ये सब ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में पर्याप्त कमी लाने में हमारी असफलता के द्योतक हैं। स्थिति को और नाज़ुक बनाते हुए यूएस ने पेरिस जलवायु समझौते से अलग होने की घोषणा की है। इस संदर्भ में, बुलेटिन के मुताबिक, उम्मीद इस बात पर टिकी है कि अन्य देशों ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के प्रति पर्याप्त निष्ठा दर्शाई है।

बुलेटिन की नज़र में तीसरी प्रमुख समस्या सायबर खतरों की है। सूचना टेक्नॉलॉजी के दुरुपयोग के चलते राजनैतिक संस्थाओं, मीडिया, विज्ञान और तथ्यों के प्रति लोगों का भरोसा कम हुआ है। बुलेटिन के विचार में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि झूठी खबरों से कैसे निपटा जाए और सायबर हथियारों पर नियंत्रण कैसे किया जाए।

निदेशक मंडल ने कयामत को टालने के संदर्भ में कई कदमों का सुझाव दिया है। जैसे उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षणों पर रोक, ईरान के साथ परमाणु समझौता और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन सम्बंधी अंतर्राष्ट्रीय संधियों का क्रियान्वयन। उनका सुझाव है कि इन सारे मामलों में लोगों को आगे आकर अपनी सरकारों पर कार्रवाई का दबाव बनाना चाहिए। (स्रोत फीचर्स)