एंटीबायोटिक औषधियों के प्रतिरोधी बैक्टीरिया आजकल चिकित्सा की एक प्रमुख समस्या बन गए हैं। ऐसे बैक्टीरिया के संक्रमणों का इलाज उपलब्ध एंटीबायोटिक दवाइयों से नहीं हो पाता। इसके अलावा, दवाइयों से बच निकलने वाले बैक्टीरिया आपस में जुड़कर बायोफिल्म बना लेते हैं जिसे भेदना मुश्किल होता है। कुछ बैक्टीरिया ऐसा रूप धारण कर लेते हैं कि वे देर तक सुप्तावस्था में पड़े रहते हैं और मौका मिलते ही हमला कर देते हैं। अब नेदरलैण्ड के लेडन विश्वविद्यालय के चिकित्सा केंद्र के प्रतिरक्षा वैज्ञानिक पीटर निबरिंग और उनके साथियों ने ऐसे बैक्टीरिया से निपटने का एक तरीका खोज निकाला है और यह तरीका मानव शरीर में से ही मिला है।

निबरिंग और उनके साथी एक पेप्टाइड की संरचना में फेरबदल करके उसका उपयोग प्रतिरोधी बैक्टीरिया को मारने हेतु करने के प्रयास कर रहे हैं। पेप्टाइड दरअसल अमीनो अम्ल की छोटी शृंखला होती है। एलएल-37 नामक यह पेप्टाइड मानव शरीर में ही पाया जाता है और प्रतिरक्षा तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें कुछ बैक्टीरिया-रोधी गुण पाए जाते हैं। निबरिंग के दल ने एलएल-37 में पाए जाने वाले 37 अमीनो अम्लों में से 24 अमीनो अम्ल की द्याृंखला का उपयोग किया है।

इस तरह के एक परिवर्तित एलएल-37 को उन्होंने एसएएपी-148 नाम दिया है। साइन्स ट्रांसलेशन मेडिसिन नामक शोध पत्रिका में उन्होंने बताया है कि एसएएपी-148 काफी व्यापक रूप से बैक्टीरिया का सफाया करने की क्षमता रखता है। यह बैक्टीरिया की कोशिका झिल्ली को तहस-नहस कर देता है जिसके चलते कोशिका के सारे अंदरुनी पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और वह पिचक जाती है।
त्वचा कोशिकाओं पर प्रयोग के दौरान एसएएपी-148 ने स्टेफिलेकॉकस ऑरियस और एसिनेटोबैक्टर बौमानी को नष्ट किया। ये दो बैक्टीरिया अस्पतालों में संक्रमण के प्रमुख कारक हैं। और तो और एसएएपी-148 ने इन बैक्टीरिया द्वारा निर्मित बायोफिल्म को भी तोड़ा और उन बैक्टीरिया को भी नष्ट कर दिया जो सुप्तावस्था में पड़े हुए थे।

निबरिंग की टीम ने यह भी बताया है कि बार-बार एसएएपी-148 का उपयोग करने के बाद भी बैक्टीरिया में प्रतिरोध पैदा नहीं हुआ। फिलहाल इस दवा के परीक्षण स्थान विशेष पर संक्रमण पर करने की योजना है क्योंकि इसे शरीर में पहुंचाने पर इसका विघटन हो जाता है। निबरिंग की टीम इसमें ऐसे परिवर्तन करने की भी कोशिश कर रही है कि इसका विघटन न हो और इसका उपयोग शरीर के अंदरुनी संक्रमणों के लिए भी संभव हो जाए। (स्रोत फीचर्स)