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प्रवासी पक्षी – रोहन चक्रवर्ती
हज़ारों किलोमीटर का सफर तय करके आने वाले प्रवासी पक्षियों के बारे में रोहन अपने अन्दाज़ में बता रहें हैं। प्रवासी पक्षियों के फ्लाईवे के बारे में अधिक जानने के लिए एक अन्य लेख आपको आगे पढ़ने को मिलेगा...

दानासुर – गुलज़ार
चित्र: अतनु रॉय
गुलज़ार साहब की एक मज़ेदार कविता
छिपकली के नाना हैं
छिपकली के हैं ससुर
दानासुर
, दानासुर... दानासुर

मकड़ी का जाला – प्रमोद पाठक
चित्र: तविशा सिंह
मकड़ी तितली के रंगों पर फिदा थी। और तितली को मकड़ी की महीन बुनाई पर बड़ा फख्र था। मकड़ी चाहती थी कि उसका जाला भी तितली के पंखों जैसा रंग-बिरंगा हो जाए। एक दिन उसने तितली से कहा कि थोड़ा-सा रंग मेरे जालों के तारों में भी भर दो। फिर क्या हुआ जानने के लिए पढ़िए...

क्यों-क्यों
क्यों-क्यों में इस बार का सवाल था: “कहते हैं कि एक मोटे स्वेटर या जैकेट के बजाय कपड़ों की कई परतें पहनने से ज़्यादा गर्मी लगती है। ऐसा क्यों?” बच्चों द्वारा भेजे गए दिलचस्प जवाबों में से कुछ आपको यहाँ पढ़ने को मिलेंगे।

 नन्हा राजकुमार – एन्त्वॉन द सैंतेक्ज़ूपेरी
अनुवाद: लालबहादुर वर्मा
यह नन्हा राजकुमार की छठवीं किश्त है। नन्हा राजकुमार एक शानदार फ्रेंच लघु उपन्यास ल प्ती प्रैंस  का हिन्दी अनुवाद है। पिछले अंक में आपने पढ़ा कि नन्हा राजकुमार एक ऐसे ग्रह में पहुँच जाता है जहाँ सिवाए एक राजा के और कोई नहीं है। वहाँ से निकलकर वह कई अन्य ग्रहों पर जाता है जहाँ उसकी मुलाकात एक दम्भी, एक शराबी और एक व्यवसायी से होती है। वह इन सबसे क्या बातचीत करता है... यहाँ पढ़िए।

इन्स्टलेशन कला – शेफाली जैन
‘इन्स्टलेशन कला का एक ऐसा रूप है जिसकी अनुभूति सिर्फ देखने पर निर्भर नहीं होती। इन्स्टलेशन कला ध्वनियों, दृश्यों, गन्धों, स्वाद, वस्तुओं और अनुपस्थितियों को भी अपना हिस्सा बना सकती है। कलाकार इन सब या फिर इनमें से कुछ चीज़ों के माध्यम से एक अनुभव का निर्माण करते हैं और इस तरह तैयार होती है इन्स्टलेशन कला’…
आइए जानते हैं इस रोचक कला के बारे में शेफाली जैन के इस लेख के ज़रिए।

खेल गीत – अंकुर लर्निंग कलेक्टिव के कलमकारों का संग्रह
चित्र: वसुन्धरा अरोरा
अंकुर लर्निंग कलेक्टिव की टीम ने गायब हो चुके कुछ खेल गीतों को खोज निकाला है। बच्चे इन गीतों को खेलते-गाते या गाते-खेलते हैं। ये गीत क्या हैं और इन्हें कौन-से खेलों में गाया जाता है... यह आपको इन पन्नों में पता चलेगा।

मध्याह्न कब होता है?– आलोक मांडवगड़े और वारुणी प्र
मध्याह्न कब होता है यह आप कैसे पता करेंगे? आपने सुना होगा कि जब सूर्य आकाश में सबसे ज़्यादा ऊँचाई पर होता हो तब मध्याह्न होता है। लेकिन अब यह कैसे पता लगाएँगे कि आखिर सूर्य सबसे ऊँचा कब है? पढ़िए आलोक और वारुणी का यह लेख और जानिए कि लोकल नून का पता कैसे लगाया जा सकता है।

गणित है मज़ेदार – शून्य में क्या बात है – भाग-1 – आलोका कान्हेरे
चित्र: मधुश्री बासु
इन पन्नों में हम कोशिश करेंगे कि ऐसी चीज़ें दें जिनको हल करने में आपको मज़ा आए। ये पन्ने खास उन लोगों के लिए हैं जिन्हें गणित से डर लगता है।
चीज़ों के बारे में बताने के लिए हम शून्य का उपयोग उस तरह नहीं करते जैसे कि अन्य संख्याओं का करते हैं। तो फिर शून्य के प्रतीक की क्या ज़रूरत है? अन्य सभ्यताओं में शून्य के प्रतीक का इस्तेमाल किस तरह किया गया...? इन सब सवालों का जवाब आपको इस दिलचस्प लेख में मिलेगा। 

दोस्ती
चित्र: शिवम चौधरी
शिवम द्वारा तैयार दो दोस्तों की एक छोटी चित्रकथा।

तालाबन्दी में बचपन – तकिए में सुरक्षित ड्रेस – संध्या
चित्र: आनन्द शिनॉय
कोरोना के चलते बच्चों का जीवन अभी भी एक तरह से तालाबन्दी में ही है। ‘तालाबन्दी में बचपन’ कॉलम के ज़रिए बच्चे तालाबन्दी के दौर के अपने अनुभवों को साझा करते हैं।
इस बार सातवीं कक्षा में पढ़ रही संध्या ने लॉकडाउन के दौर का एक किस्सा साझा किया है। स्कूल खुलने वाले थे तो स्कूल ड्रेस की ज़रूरत पड़ी। लेकिन उसकी ड्रेस तो उसकी माँ ने किसी तकिए में भर रखी थी। आखिर ड्रेस तकिए में भरकर क्यों रखी गई थी, जानने के लिए पढ़िए...। 

प्रवासी पक्षियों के फ्लाईवे – विनता विश्वनाथन
दुनिया भर में पक्षियों की ऐसी कई किस्में हैं जो मौसम के बदलाव को ध्यान में रखते हुए प्रवास पर निकल जाती हैं। दूसरे देशों और यहाँ तक की दूसरे द्वीपों तक भी ये पक्षी यात्रा करते हैं। इन पक्षियों के आने-जाने के रास्ते भी तय होते हैं। इन रास्तों को फ्लाईवे कहते है। फ्लाईवे के बारे में और विस्तार से जानने के लिए पढ़िए यह लेख।

तुम भी बनाओ – सजिता नायर
इन पन्नों में हम हर बार कुछ ऐसा जुगाड़ आपको बताते हैं जिससे आप आसानी-से कोई भी चीज़ या कोई कलाकृति तैयार कर सकते हैं। इस बार बनाइए रंग, पानी और स्ट्रॉ की मदद से कुछ सुन्दर कलाकृतियाँ। 

तुम भी जानो
इस बार जानिए:
चिड़ियाघर के निवासियों को कोरोना का टीका देना एक चुनौती
कुएँ में मिला एक नए किस्म का जानवर

मेरा पन्ना
संसमरण – मेरी प्रिय दोस्त, जाड़े का मज़ा
वाकया – बन्दर चश्मा और फ्रूटी
कहानी – एक पत्ते की कहानी,
डायरी – बस अब बहुत हो गया!
और बच्चों के बनाए कुछ दिलकश चित्र।

माथापच्ची
कुछ मज़ेदार सवालों और पहेलियों से भरे दिमागी कसरत के पन्ने।

चित्रपहेली
चित्रों में दिए इशारों को समझकर पहेली को बूझना।