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Cover - Illustration by Supreet, class 5th Suncity School, GurgaonAugust 2015
कवर - पाँचवीं की सुपरीत का चित्र इस अंक के कवर पर है। कवि गुलज़ार की पंक्ति -
हरे लगते हैं क्यों ये पेड़ बागों में
मेरे हाथों के तोते उड़ गए थे
पर आधारित है। इस चित्र में हरा रंग अपनी कई रंगतों के साथ आया है। जैसे कि इन दिनों बारिश का बाहर दिखता है। यह चित्र जैसे तोते बनाने की कई कोशिशों का चित्र है। बने-अधबने, बन रहे, बस बने, बने-से तोतों का चित्र। जैसे पेड़ पर पत्तियाँ होती हैं। कुछ पुरानी, कुछ नई, कुछ न नई न पुरानी...। तोतों की चोंचें कहीं--कहीं उसी तरह झाँक रही हैं जैसे किसी पेड़ में ताज़ी लाल पत्ती आई है और जो थोड़े दिनों में हरी हो जाएगी। जैसे इस चित्र में कुछ तोतों की चोंचें हरी हो चुकी हैं। तना पारदर्शी है क्योंकि उसके पीछे एक तोते का सिर है जो चित्रकार दिखाना चाहता है।

Raat - A poem by Manoj Kumar Jha, Illustration by Taposhi Ghoshal
रात - यह एक बहुत ही रसीली कविता है - रात। रात के बारे में हिन्दी में यह अनूठी कविता है। और इसका चित्र तापोषी घोषाल ने बुना है। इसे एक नज़र देखिए। कहते हैं कि रचना में उसके विषय की ध्वनि होनी चाहिए। इस चित्र में रात की ध्वनि है। रात में चीज़ें एक-एक कर उभरती चली जाती हैं। एक बार देखने से नहीं दिखतीं। जैसे कि दिन में वे देखते ही खुलती हैं। रात में जहाँ-जहाँ हम नज़र डालते हैं वहाँ वहाँ हमारी नज़र में आता जाता है। इस चित्र में भी यही कमाल है। चिड़ियों के सोने का अंदाज़, सोता शेर..। आपको क्या लगता है?

Index
इंडैक्स - यहाँ गुलमोहर कपूर का एक चित्र है- रंग। क्या रंग सिर्फ रंग की तरह किसी चित्र में आ सकते हैं! बिना किसी आकार के। रंग दिखते हैं। आकार कहाँ से आता है? इसी पेज पर एक रचना है - आज़ादी की नुक्ती। 1990 फरवरी में छपी इस रचना की याद इस अगस्त को फिर आई। इतनी खूबसूरत रचना पंद्रह अगस्त यानी अपनी आज़ादी के बारे में अन्य कोई नहीं लगती। यह रचना अपने भीतर आज़ादी के उत्सव के खोखलेपन से भरे हुए भी है।

Badal garajte hain - A collage of some beautiful lines on barish
बादल गरजते हैं- उनके लिए भी जो सुन नहीं सकते / कविताओं का पंक्तियाँ बारिश की रचनाओं की बीस-पच्चीस बेहद रचनात्मक पंक्तियों का एक कोलॉज।
मसलन,
होंठों ने चखा पानी
बूँदों में रखा पानी
क्या खूबसूरत बात है। बूँद पानी भर नहीं है। बूँद एक आकार और पानी मिलकर बनी है। पानी उस आकार में रखा है। इसी सिलसिले में - बूँद भर नदी / बूँद भर गहरी / बूँद भर बही। एक नदी बूँद बूँद से बनी है। नदी में जो गहराई है वह बूँदों की गहराई से मिलकर बनी है। और नदी जो बहती है वह बूँदों के बहाव से मिलकर बने बहाव से बहती है। इस कोलॉज में बच्चों के बनाए तीन बेहद कल्पनाशील और शिल्प में मज़बूत चित्र भी देखने का सुख देते हैं।

Sagashiteimasu - A book excerpt
सागाशितेइमाशु यानी मैं ढूँढ रहा हूँ / तादाशि औकाकुरा
एक किताब है जिसमें तबाह हिरोशिमा के चौदह चित्र पिरोए हैं। जब बम गिरा तब कोई अपने टिफिन में खाना रखे कहीं जा रहा होगा। पर बम ने उसके आने वाले सारे समय को कोयले में बदल दिया। तो इस किताब में अनाज के जल जाने और टिफिन के चकनाचूर हो जाने की फोटो है। महीना यही तो था अगस्त। तो अगस्त में इस किताब के चार-पाँच पन्नों को शाया कर रहे हैं। कि हम मिलकर देखें कि कैसे एक बम हमारे छोटे-छोटे सपनों को जिनसे हमारे जीवन में कल आता है उन्हें कोयला बना देता है। पाँच बेहद मार्मिक तस्वीरों के साथ उनके विवरण।

Aazadi ke maiyne – Experiences of school students on “Aazadi”
आज़ादी के मायने- एक स्कूल के कुछ बच्चों ने आज़ादी के मायने लिखे हैं। जैसा वे समझे। यह पढ़ना इतना सुखद है कि इसमें सिर्फ इंसान नहीं है। इसमें चिड़िया को उड़ने की आज़ादी है कि नहीं भी है। और इसी पन्ने पर अपने बेहद प्रिय कवि सफदर हाश्मी की कविता आज़ादी भी है। दिलीप जी ने इस पन्ने को बहुत खूब पिरोया है।

Rango ki Ladai - A short story by Meha, Illustrations by Kanak
रंगों की लड़ाई - मेहा पाँचवीं में पढ़ती हैं। रंगों से चित्र खोजना उन्हें भाता है। कभी-कभी वह चित्र के इस रास्ते को छोड़कर कहानी खोजने भी निकल पड़ती हैं। इस बार उनके हाथ आई एक खूबसूरत कहानी यहाँ पेश है। रंगों की लड़ाई। रंगों के राजा की इच्छा है कि मरने से पहले कोई रंग उसकी जगह राजा बन जाए। पर कौन बने? इस सवाल पर एक खूबसूरत कहानी। कनक के दिलचस्प चित्र।

Mitti Pathar ki Jasoosi - An article on visit of an archaeological site by Rashmi Paliwal
मिट्टी पत्थर की जासूसी - रश्मि पालीवाल इतिहास की कुछेक बातों को चकमक में पहले भी दिलचस्प तरीके से लिखती रही हैं। यह लेख भी इसी सिलसिले में है। एक जगह पाषाणकालीन औज़ार मिले हैं। बहुतायत में। पुरातत्वविदों की एक टीम अपने काम में लगी है। उनके निदेशक लेखक को यह साइट दिखा रहे हैं। और कई बहुत ही रोचक सवालों के जवाब देते जा रहे हैं। कैसे मान लें कि यह पत्थर पंद्रह लाख साल पुराना है? उत्खनन के चित्रों सहित रोमांचक जानकारी का एक लेख।

Mera Panna - Children’s creativity column
मेरा पन्ना - बच्चों की लिखी रचनाओं का एक बेहद सुरीला गुच्छा। एक सुनेंगे?
हमारे गाँव में लोग बोल रहे थे कि इस साल बारिश नहीं होगी। लेकिन जब बारिश हुई तो ऐसी कि घर टपकने लगे और खेतों में धान बह गई। लोगों ने फिर धान लगाया पर इस बार पानी नहीं गिरा। हिमांशी और पायल अजीम प्रेमजी स्कूल धमतरी ने यह रचना लिखी है।

Dost (Part -6) - A picture story by Shashi Kiran
दोस्त - चित्रकथाएँ अकसर सभी को भाती हैं। चित्र शब्दों की मुश्किल को कुछ आसान ही नहीं करते बल्कि उसमें एक मानी और जोड़ देते हैं। दोस्त भी इसी तरह की रचना है। एक कुत्ते से लेखक के प्रेम की कहानी।

Mathapacchi & Paheli - Brain teasers
माथापच्ची और पहेली - इस बार दिमागी कसरत के लिए दो पन्ने। एक बहुत ही चुस्त पहेली। और कुछ खूब घुमावदार सवाल। पिछली पहेली का हल भी इसमें पढ़ सकोगे।

Gar Batakh udd sakti - A column on flowers which looks alike other creatures
गर बत्तख उड़ सकती - विश्वनाथन कालीकट में रहते हैं। वे कवि हैं और पेड़-पौधों में बेइंतिहा दिलचस्पी है उन्हें। पेड़-पौधों को पेड़-पौधों की तरह नहीं देखते। पत्ती-पत्ती देखते हैं, तना-तना देखते हैं, उनके कीड़े, उनके घुमाव, उनकी छाया उनके रंग... रंग, पत्ती, तने, घुमाव, कीड़े सब देखकर उनका एक पेड़ देखऩा पूरा होता है। उनकी मदद से हम एक श्रृंखला शुरू कर रहे हैं कुछ विचित्र पेड़ों की। जिनके फूल या पत्ते किसी जीव के हमशक्ल होते हैं।

Boli Rangoli - A column on children’s illustration on Gulzar’s couplet
बोली रंगोली - इस बार तोतों के कल्पनाशील चित्र मिले। उनमें से दस चित्र तुम्हें यहाँ देखने को मिलेंगे। और हाँ, गुलज़ार साब की तुम्हारे लिए लिखी चिट्ठी। और एक बेहद मीठी कविता, एक ऊलजलुल कविता पढ़ने को मिलेगी।

Ab tak chhabiss - An article by Vivek Soley
अब तक छब्बीस - कभी-कभी हमें दुनिया के समय को ठीक बनाए रखने के लिए उसमें एक सेकेण्ड जोड़ना पड़ता है। इस वर्ष छब्बीसवीं बार ऐसा किया गया। इस के बारे में तफ्सील से सुनो भौतिकविद विवेक सोले से।

Mile Jule Panne - A collage of some short stories, Illustration by Prashant Soni
मिले-जुले पन्ने - छोटी-छोटी कहानियों तथा किस्सों का एक कोलाज। इसमें अकीरा कुरोसावा की जीवनी का एक अंश है तो चुटीली कथाएँ भी हैं।

Ek ek boond se… - A memoir by Noor-e-Nisha
एक-एक बूँद से - नूरेनिशाँ दसवीं की छात्रा हैं। उत्तराखण्ड में रहती हैं। उनके इलाके की धान की रोपाई का सरस वर्णन उन्होंने किया है। एक बेहद सजीव फोटो के साथ हिन्दी के विलक्षण कवि विनोद कुमार शुक्ल की धान के फूलते ही नामक कविता भी पढ़ो। जिसमें एक जगह वो कहते हैं कि मछली की महक को पकड़ने के लिए मछुआरे ने जाल की महक को फेंका।

Magarmacho ki Duniya - A serial story by Jasbir Bhullar, illustrations by Atanu Roy
किरली मगरमच्छ - इस बार किरली एक नदी में बहकर एक गाँव आ पहुँची है। वहाँ उसने गाँव की एक भैंस का शिकार कर लिया है। और गाँव वालों ने तय किया है कि वे उसे मार देंगे।

Parchaiyan - A story by J.A.Kulkarni, Illustrations by Taposhi Ghoshal
परछाइयाँ - शेजारी में इस बार पढ़ो एक बहुत ही कल्पनाशील कहानी परछाइयाँ । मराठी के सुप्रसिद्ध लेखक जी ए कुलकर्णी की लिखी इस कहानी का हीरो बिम्म है। रोज़ ही वह बस्ते में अगड़म-बगड़म कई चीज़ें भर कर लाता है। पर आज वह कुछ खास लाया है। माँ अचरज में पड़ गई है। बस्ते में वो आर्इं कैसे? बिम्म की यह कहानी तुम्हें भी मीठे अचरज में डाल देगी। तापोषी घोषाल के सुन्दर चित्र सहित।

Chitrpaheli
चित्रपहेली - चित्रों के सुरागों से शब्दों तक पहुँचने की पहेली।