वर्ष 3: अंक 13 से 18
| अंक : 13 | |||
| आपने लिखा | 2 | शुक्राणु और अंडाणु का निर्माण... | 56 |
| बच्चों से दोस्ताना रिश्ते | 7 | बीजों मे श्वशन.... | 61 |
| जब पानी उबले | 13 | तो धरती भी गोल निकली | 63 |
| एक समयहीन माहौल में समय | 24 | ज़रा सिर तो खुजलाइए | 73 |
| कौन भाषा, कौन बोली | 37 | अनारको का दूसरा सपना.... | 77 |
| क्यों छोड़ा स्कूल ओटा ने.... | 44 | पर्यावरण शिक्षा और.... | 85 |
| सहबंधन ग्रानी इलेक्ट्रॉन | 47 | दिमाग भी बौराया | 96 |
| अंक : 14 | |||
| आपने लिखा | 2 | एक जीवनी की तलाश | 42 |
| बुन्सन बर्नर, हवा में ऑक्सीजन | 7 | तीन स्विचों से जला बल्ब | 54 |
| धरती का घूमना वाकई चक्कर | 11 | कैसे बनेगा सहबंध | 61 |
| मुझे क्या मालूम हुआ | 19 | बच्चों की भाषा | 68 |
| समुद्र का फैलना और महाद्वीप | 25 | एक शाम जादूगर के साथ | 76 |
| सवालीराम | 40 | संदर्भ इंडेक्स अंक 7 से 12 | 90 |
| अंक : 15 | |||
| आपने लिखा | 2 | ज़रा सिर तो खुजलाइए | 55 |
| एक प्रयोग ने उपजी वहस | 6 | खोज़: प्लेग के जीवाणु और | 57 |
| शिकारी से बचने की कोशिश में | 13 | चुंबक, मैं और वह शिक्षक | 71 |
| क्रोमेटोग्राफी, यानी मिश्रण | 19 | धूमकेतु, एक बार फिर | 74 |
| सवालीराम | 29 | सिपाही नेमोशरण का जनाज़ा | 77 |
| भूकंप ज्वालामुखी और प्लेट | 31 | जहां चाह वहां राह | 86 |
| बच्चों के चित्र क्या बताते है | 46 | चींटी का शिकार | 96 |
| अंक : 16 | |||
| आपने लिखा | 2 | आवर्त सारणी का इस्तेमाल | 45 |
| शीर्षक विवाद और विज्ञान | 4 | तुमने यह क्या बनाया | 54 |
| प्रजनन शिक्षा के मायने | 13 | ज़रा सिर तो खुजलाइए | 60 |
| अगर हाथी केंचुआ होता | 17 | सवालीराम | 61 |
| सांस लेने के तरीके | 21 | कौन ऐसी महिला है ....?...... | 69 |
| दिमाग के बीच पड़ी एक ग्रंथी | 30 | छतन और मास्टर साहब | 86 |
| धरती के चुंबक का असर | 35 | ललचाती गंध और.... | 92 |
| अंक 17 | |||
| आपने लिखा | 3 | पेड़-पौधों मे श्वसन | 51 |
| गलतियां, जुलाहा और | 9 | प्लाज़्मा | 59 |
| कम्प्युटर कैसे खेलता है शतरंज | 13 | तब | 65 |
| रोज़गार | 25 | ज़रा सिर तो खुजलाइए | 74 |
| सवालीराम | 32 | गलीलियो गलीली | 76 |
| ऊर्ध्वपातन | 37 | नारंगी | 87 |
| सिरफिरे समुद्री केकड़े में | 42 | जुगनू की प्रणायलीला | 96 |
| अंक 17 | |||
| आपने लिखा | 2 | चिंपैंजी | 56 |
| अंडे टैडपोल और बना मेढंक | 7 | रोशनी और मुर्गी का अंडा | 57 |
| स्कूल के सवाल ज़िंदगी के | 15 | रोज़गार-2 | 64 |
| नींद, सुलजी अनसुलजी पहेली | 29 | क्यों पढ़ाते थे वैसे | 73 |
| ज़रा सिर तो खुजलाइए | 40 | वह आदमी जो चमत्कार | 83 |
| फुटबॉल कार्बन | 43 | मछली.... अरे नहीं | 96 |
इंडेक्स (INDEX)
इस देखने का तरीका : छह अंकों में प्रकाशित सामग्री का विषय आधारित वर्गीकरण किया गया है। कई लेखों में एक से ज्यादा मुद्दे शामिल हैं। इसलिए वे लेख एक से ज्यादा स्थान पर आएंगे। लेख के शीर्षक और लेखक के नाम के साथ पहले बोल्ड में उस अंक का नंबर है जिसमें वह लेख है, उसके बाद इस अंक का पृष्ठ क्रमांक दिया गया है।
| भौतिकी (Physics) | ||
| जब पानी उबले | अजय शर्मा | 13.13 |
| तो धरती भी गोल निकली | दीपक वर्मा | 13.63 |
| पंखे की हवा कितनी गर्म कितनी ठंडी | ( ज़रा सिर तो खुजलाइए ) | 13.73 |
| बुन्सन बर्नर, हवा में ऑक्सीजन और... | रवि दिवाकरन | 14.7 |
| धरती का घूमना वाकई चक्कर में डाले | अनीता रामपाल | 14.11 |
| तीन स्विच से जला बल्ब | ( ज़रा सिर तो खुजलाइए ) | 14.54 |
| ज़रा सिर तो खुजलाइए | --- | 15.55 |
| चुंबक, मैं और वह शिक्षक | बी. एस. डबीर | 15.71 |
| धूमकेतु एक बार फिर | --- | 15.74 |
| धरती के चुंबक का असर | अजय शर्मा | 16.35 |
| ज़रा सिर तो खुजलाइए | --- | 16.60 |
| बरसात, पानी की गोल बूंद और इन्द्रधनुष | ( सवालीराम ) | 16.61 |
| प्लाज्मा | पूर्वी झवेरी | 17.59 |
| फटते कागज़ से निकलती आवाज़ | ( जरा सिर तो खुजलाइए ) | 17.74 |
| गलीलियो गलीली | जे. डी. बर्नाल | 17.76 |
| रसायन शास्त्र (Chemistry) | ||
| सहबंधन यानि इलेक्ट्रॉन | सुशील जोशी | 13.17 |
| बुन्सन बर्नर, हवा में ऑक्सीजन और... | रवि दिवाकरन | 14.7 |
| कैसे बनेगा सबंध | सुशील जोशी | 14.61 |
| क्रोमेटोग्राफी, यानी मिश्रण से अलग होते... | सुशील जोशी | 15.19 |
| वसा प्रोटीन की जिगरी दोस्ती | ( सवालीराम ) | 15.29 |
| आवर्त सारणी का इस्तेमाल | सुशील जोशी | 16.45 |
| ऊर्ध्वपातन, पदार्थ का एक मज़ेदार गुण | सुशील जोशी | 17.37 |
| फुटबॉल कार्बन | स्टीवन मिलर | 18.13 |
| प्राणी शास्त्र (Zoology) | ||
| शुक्राणु और अंडाणु का निर्माण | विपुल कीर्ति | 13.56 |
| दिमाग भी बौराया | --- | 13.96 |
| रक्त के बहाव में रुकावट | ( सवालीराम ) | 14.40 |
| शिकारी से बचने की कोशिश में | किशोर पंवार | 15.12 |
| खोज : प्लेग के जीवाणु और फैलने के ... | लुडविक ग्रॉस | 15.57 |
| चींटी का शिकार | --- | 15.96 |
| प्रजनन शिक्षा के मायने | जे. बी. एस. हाल्डेन | 16.13 |
| अगर हाथी केंचुआ होता | दीपक वर्मा | 16.17 |
| सांस लेने के तरीके | भरत पूरे | 16.21 |
| दिमाग के बीच पड़ी एक ग्रंथी | --- | 16.30 |
| धरती के चुम्बक का असर | अजय शर्मा | 16.35 |
| ललचाती गंध और केकड़ा मकड़ी | किशोर पंवार | 16.92 |
| सुरक्षा तंत्र सक्रिय है | ( सवालीराम ) | 17.32 |
| सिरफिरे समुद्री केकड़ों में ज्वारीय लय | एम. के. चंद्रशेखरन | 17.42 |
| जुगनू की प्रणयलीला | ---- | 17.96 |
| अंडे, टैडपोल और बना मेंढक | गीता दुबे | 18.7 |
| रोशनी और मुर्गी का अंडा | स्निग्धा मित्रा | 18.57 |
| मछली... अरे नहीं, नहीं कीट | --- | 18.96 |
| वनस्पति शास्त्र (Botany) | ||
| बीजों में श्वसन | रुचि चौरे | 13.61 |
| ललचाती गंध और केकड़ा मकड़ी | किशोर पंवार | 16.92 |
| पेड़-पौधों में श्वसन | दीपक वर्मा | 17.51 |
| मनोविज्ञान/तंत्रिका विज्ञान (Psychology/Neuro Sciences) | ||
| नींद, सुलझी अनसुलझी पहेली | विवेक प्रकाश | 18.29 |
| जैविक लय (Biological Rhythm) | ||
| एक समयहीन माहौल में समय | एल. गीता | 13.21 |
| सिरफिरे समुद्री केकड़ों में जैविक लय | एम. के. चंद्रशेखरन | 17.42 |
| प्राणी व्यवहार (Animal Behaviour) | ||
| शिकारी से बचने की कोशिश में | किशोर पंवार | 15.12 |
| ललचाती गंध और केकड़ा मकड़ी | किशोर पंवार | 16.92 |
| जुगनू की प्रणयलीला | --- | 17.96 |
| सूक्ष्म जैविकी (Micro Biology) | ||
| वसा प्रोटीन की जिगरी दोस्ती | ( सवालीराम ) | 15.29 |
| खोजः प्लेग के जीवाणु और उसके फैलने के... | लुडविक ग्रॉस | 15.57 |
| गणित/सांख्यकी (Maths) | ||
| कम्प्युटर कैसे खेलता है शतरंज | आमोद कारखानिस | 17.13 |
| ज़रा सिर तो खुजलाइए | --- | 18.40 |
| इतिहास (History) | ||
| एक जीवनी की तलाश - काशी का जुलाहा | सी. एन. सुब्रह्मण्यम | 14.12 |
| कौन ऐसी महिला है | सी. एन. सुब्रह्मण्यम | 16.69 |
| गलीलियो गलीली | जे. डी. बर्नाल | 17.76 |
| भूगोल/भूविज्ञान (Geography/Geology) | ||
| तो धरती भी गोल निकली | दीपक वर्मा | 13.63 |
| धरती का घूमना वाकई चक्कर में डाले | अनिता रामपाल | 11.11 |
| नया बनता समुद्र और खिसकते महाद्वीप | आमोद कारखानिस | 14.25 |
| भूकंप, ज्वालामुखी और प्लेट टेक्टोनिक्स | आमोद कारखानिस | 15.31 |
| अर्थशास्त्र (Economics) | ||
| रोजगार | यों द्वेज़ | 17.25 |
| रोजगार-2 | यों द्वेज़ | 18.61 |
| भाषा | ||
| कौन भाषा कौन बोली | रमाकांत अग्निहोत्री | 13.37 |
| बच्चों की भाषा | रश्मि पालीवाल | 14.68 |
| शीर्षक, विवाद और विज्ञान | साधना सक्सेना | 16.01 |
| भाषा, बोली और बच्चों का सीखना | रमाकान्त अग्निहोत्री | 16.7 |
| विज्ञान और शिक्षा | ||
| बुन्सन बर्नर, हवा में ऑक्सीजन और... | रवि दिवाकरन | 14.07 |
| चुंबक, मैं और वह शिक्षक | वी. एस. डबीर | 15.71 |
| प्रजनन शिक्षा के मायने | जे. बी. एस. हाल्डेन | 16.13 |
| अंडे, टैडपोल और बना मेंढ़क | गीता दुबे | 18.7 |
| स्कूल के सवाल ज़िन्दगी के सवालों से फर्क... | प्रोफेसर यशपाल | 18.15 |
| कुछ तरीके पढ़ाने के | ||
| मुझे क्या मालूम हुआ | लक्ष्मीनारायण चौधरी | 14.19 |
| बच्चों की भाषा | रश्मि पालीवाल | 14.68 |
| बच्चों के चित्र क्या बताते हैं। | कैरन हैडॉक | 15.46 |
| तुमने यह क्या बनाया | कमलेश चंद्र जोशी | 16.51 |
| अंडे, टैडपोल और बना मेंढ़क | गीता दुबे | 17.7 |
| क्यों पढ़ाते थे वैसे | माधव केलकर | 18.73 |
| बच्चों के साथ अनुभव | ||
| बच्चों से दोस्ताना रिश्ते | कमलेश चंद्र जोशी | 13.07 |
| अब इन बहानों का क्या करें | विष्णुकांत | 14.74 |
| मुझे क्या मालूम हुआ | लक्ष्मीकांत चौधरी | 14.19 |
| बच्चों के चित्र क्या बताते हैं | कैरन हैडॉक | 15.46 |
| तुमने यह क्या बनाया | कमलेश चंद्र जोशी | 16.54 |
| प्रयोग, गतिविधि एवं मॉडल | ||
| बीजों में श्वसन | रुचि चौरे | 13.61 |
| तीन स्विच से जला बल्ब | ( जरा सिर तो खुजलाइए ) | 14.54 |
| क्रोमेटोग्राफी, यानी मिश्रण से अलग... | सुशील जोशी | 15.19 |
| ज़रा सिर तो खुजलाइए | --- | 15.55 |
| पाठ्यक्रम की समीक्षा, सर्वे एवं रिपोर्ट | ||
| पर्यावरण, शिक्षा और आजीविका | दुनु रॉय | 13.85 |
| बुन्सन बर्नर, हवा में ऑक्सीजन... | रवि दिवाकरन | 14.7 |
| एक प्रयोग से उपजी बहस | ललित पांडे | 15.06 |
| कहानी | ||
| अनारको का दूसरा दिन | सत्यु | 13.77 |
| एक शाम जादूगर के साथ | जे. बी. एस. हाल्डेन | 14.76 |
| सिपाही नेमीशरण का जनाज़ा | नॉर्मन डेनियल | 15.77 |
| नारंगी का छिलका | समद बहरंगी | 17.87 |
| वह आदमी जो चमत्कार कर सकता था | एच. जी. वेल्स | 18.83 |
| पुस्तक समीक्षा | ||
| पर्यावरण, शिक्षा और आजीविका | दुनु रॉय | 13.85 |
| एक प्रयोग से उपजी बहस | ललित पांडे | 15.06 |
| जहां चाह वहां राह | जॉन होल्ट | 15.86 |
| जीवनी, संस्मरण/प्रसंग | ||
| एक जीवनी की तलाश | सी. एन. सुब्रह्मण्यम | 14.12 |
| खोज: प्लेग के जीवाणु और फैलने के ... | लुडविक ग्रॉस | 15.57 |
| छतन और मास्टर साहब | घनश्याम तिवारी | 16.86 |
| गलतियां, जुलाहा और धागे की गांठ | सी. एन. सुब्रह्मण्यम | 17.09 |
| तब... स्कूल, शिक्षक और मैं | कैलाश बृजवासी | 17.65 |
| क्यों पढ़ाते थे वैसे | माधव केलकर | 18.73 |
| अन्य | ||
| इंडेक्स | --- | 14.90 |
| उलटते पलटते ध्रुव | --- | 17.73 |
| चिंपैंजी | --- | 18.56 |
