फिलहाल पुरुषों के लिए कोई ऐसा रासायनिक तरीका उपलब्ध नहीं जिसका उपयोग करके वे प्रजनन पर नियंत्रण कर सकें हालांकि यह विचार कई दशकों से चला आ रहा है। अब प्रजनन-रोधक गोली तो नहीं, एक मलहम बनाया गया है जो पुरुषों में शुक्राणुओं के उत्पादन को इतना कम कर देगा कि वे गर्भधारण को संभव नहीं बना पाएंगे।
इस मलहम के क्लीनिकल परीक्षण यूएस के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान और जनसंख्या परिषद के नेतृत्व में 2018 में शुरू किए जाएंगे। इस परीक्षण में यूके, स्वीडन, इटली, चिली, कीन्या तथा यूएस के कई केंद्र हिस्सा लेंगे। परीक्षण का तरीका यह होगा कि इन देशों से तकरीबन 420 युगलों को भर्ती किया जाएगा। प्रत्येक युगल का पुरुष रोज़ाना अपने दोनों कंधों पर एक हारमोन युक्त मलहम लगाएगा। ऐसा कुछ दिन करने के बाद जांच की जाएगी कि पुरुष की शुक्राणु संख्या एक हद से कम हो जाए। अब शुरू होगा वास्तविक परीक्षण। जब पुरुष के वीर्य में शुक्राणु संख्या पर्याप्त कम हो जाएगी तब एक वर्ष तक उन युगलों का निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान वे गर्भनिरोध की एकमात्र इसी विधि का इस्तेमाल करेंगे।

उपरोक्त मलहम त्वचा में अवशोषित होकर रक्त प्रवाह में हारमोन्स का एक मिश्रण प्रविष्ट करा देता है। इस मिश्रण में प्रोजेस्टिन और टेस्टोस्टेरोन नामक दो हारमोन होते हैं। प्रोजेस्टिन वह हारमोन है जो शरीर में शुक्राणु के उत्पादन को दबाता है। पहले किए गए एक परीक्षण में देखा जा चुका है कि इस मिश्रण के उपयोग से करीब 89 प्रतिशत लोगों में शुक्राणु संख्या 10 लाख प्रति मि.ली. से कम हो जाती है, जो निषेचन करके गर्भधारण के लिए अपर्याप्त है।

अब तक जो परीक्षण पुरुष प्रजनन-रोधकों पर किए गए थे उनमें दिक्कत यह थी कि उनमें शुक्राणु संख्या पर तो नियंत्रण हो जाता था किंतु साथ ही शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता था। टेस्टोस्टेरोन शरीर में कई अन्य भूमिकाएं निभाता है। इसका स्तर कम हो जाने की वजह से कई साइड प्रभाव होते हैं। टेस्टोस्टेरोन की क्षतिपूर्ति मुंह से गोली खिलाकर नहीं हो पाती। मुंह से लेने पर टेस्टोस्टेरोन शरीर से बहुत जल्दी बाहर निकल जाता है और व्यक्ति को दिन में कई बार गोली खाना पड़ती है। इस मलहम की विशेषता यही है कि इसमें टेस्टोस्टेरोन की क्षतिपूर्ति त्वचा के माध्यम से की जाएगी। यह धीरे-धीरे रक्त प्रवाह में पहुंचता रहेगा। और यह इतनी कम मात्रा में पहुंचेगा कि शुक्राणु उत्पादन को बढ़ावा भी नहीं दे पाएगा।
यह पहली बार होगा कि पुरुषों की प्रजनन क्रिया में रासायनिक हस्तक्षेप करके गर्भ निरोध के प्रयास होंगे। अब तक पुरुषों के लिए प्रजनन-रोधक के मामले में संयम, कंडोम और नसबंदी के तरीके ही उपलब्ध रहे हैं। (स्रोत फीचर्स)