अश्मीभूत पदचिंहों के एक अध्ययन में रोमांचक बात सामने आई है। लगभग 15 लाख वर्ष पूर्व किसी दिन हमारे वंश होमो का सदस्य अफ्रीका की एक झील के कीचड़ भरे किनारे पर चला था और उसके चंद घंटे आगे-पीछे मानव कुल के एक और सदस्य ने उसी स्थान पर चहलकदमी की थी। वह दूसरा सदस्य संभवत: अपेक्षाकृत छोटे मस्तिष्क और बड़े जबड़े वाला पैरेन्थ्रोपस था। देखने वाली बात यह है कि ये दोनों एक ही जगह पर, एक ही समय पर अस्तित्व में थे। यह रोमांचक खोज साइन्स पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
यह खोज पूर्व में प्रस्तावित इस धारणा के विपरीत है कि कोई भी दो होमिनिन प्रजातियां एक ही स्थान और एक ही समय पर साथ-साथ नहीं रही थीं। लेकिन पिछले वर्षों में खोदे गए जीवाश्म दर्शाते हैं कि हमारे पूर्वज और अन्य होमिनिन प्रजातियां सह-अस्तित्व में रही थीं। लेकिन उन जीवाश्मों के आधार पर पक्का निष्कर्ष निकालने में एक दिक्कत यह रही थी कि एक ही भूगर्भीय परत में पाए गए जीवाश्म हज़ारों या दसियों हज़ार वर्षों की अवधि में जमा हुए हो सकते हैं। इसलिए यह कहना संभव नहीं था कि विभिन्न होमिनिन वंश एक ही समय पर एक स्थान पर रहे थे।
उपरोक्त पदचिंह 2021 में रिचर्ड लोकी द्वारा खोजे गए थे। उन्होंने केन्या के मशहूर जीवाश्म स्थल कूबी फोरा में तुर्काना झील के निकट कई जीवाश्म खोजे थे। कूबी फोरा में कई होमिनिन जीवाश्म मिल चुके हैं और इन्हें उभारने में लुइस लीकी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने यहां कम से कम पांच होमिनिन प्रजातियों की खोज की है। लेकिन ये पदचिंह खास तौर पर संरक्षित रहे हैं।
फिर 2022 में इन पदचिंहों के बारीकी से अध्ययन के लिए केविन हटाला और नील रोच को आमंत्रित किया गया। पदचिंहों में 13 कदम एक व्यक्ति के हैं जो तेज़ी से चलकर पूर्व की ओर गया था। इन पदचिंहों से 1 मीटर से भी कम दूरी पर अन्य तीन पदचिंह हैं जो उत्तर की ओर जा रहे हैं। आम तौर पर पदचिंह तभी भलीभांति संरक्षित रह पाते हैं जब बनने के फौरन बाद वे मिट्टी, रेत अथवा राख से ढंक जाएं। इन्हें देखकर लगता है कि ये चंद घंटों के अतंराल पर बने होंगे।
हटाला की टीम ने इन पदचिंहों की आकृति व साइज़ की तुलना 340 वर्तमान मनुष्यों के पदचिंहों और अफ्रीका के अन्य प्राचीन मानव पदचिंहों से की। हटाला की टीम यह तो पहले ही दर्शा चुकी थी कि जब हमारी प्रजाति के प्राणी कीचड़ वाली जगह पर चलते हैं तो हमारा पैर ज़मीन पर एक मेहराब छोड़ता है। लेकिन तंज़ानिया के लेटिओली में करीब 36.6 लाख साल पहले कुछ होमिनिन प्राणियों ने ज़्यादा सपाट पदचिंह छोड़े थे। यह संभवत: ऑस्ट्रेलोपिथेकस वंश का होमिनिन था।
कूबी फोरा में जो अलग-थलग पदचिंह मिले हैं वे दो या तीन अलग-अलग प्राणियों के हैं और काफी हद तक आधुनिक मानव जैसे हैं। ये संभवत: हमारे ही वंश होमो के सदस्य हैं। लेकिन पदचिंहों की जो लंबी कतार है, उसमें चिंह बगैर मेहराब वाले यानी सपाट हैं। लगभग लैटिओली में मिले ऑस्ट्रेलोपिथेकस जैसे।
विश्लेषण से पता चला है कि इस प्राणी के पैर के अंगूठे में अधिक लचीलापन था और यह उसके पास वाली उंगली से दूर की ओर अधिक मुड़ा हुआ था। यह आधुनिक मानवों से भिन्न है और चिम्पैंज़ी में देखा जाता है और उन्हें पेड़ों पर चढ़ने में मददगार होता है।
तो लगता है कि हमारे वंश होमो के एक प्रारंभिक सदस्य और एक अन्य किस्म के होमिनिन शायद एक ही दिन वहां चले होंगे। यह इन प्रजातियों के सह-अस्तित्व का ज़्यादा मज़बूत प्रमाण है। यह तो पता ही था कि सीधे चलने वाले होमिनिन्स - होमो इरेक्टस और पैरेन्थ्रोपस बॉइसाई - की काफी सारी हड्डियों और दांत के जीवाश्म उस इलाके में मिले हैं और ये लगभग पदचिंह के समय के हैं। (स्रोत फीचर्स)