Sandarbh - Issue 158 (May-June 2025)
1.Love Chemicals Found in Lemurs by Vipul Keerti Sharma
लीमर में मिले प्यार के रसायन - विपुल कीर्ति शर्मा [Hindi, PDF]
मान लीजिए, आप एक लीमर होते – बड़ी-बड़ी आँखों और काली-सफेद पूँछ वाले नर रिंग-टेल्ड लीमर। ऐसे में, आपको अपना प्यार जताने के लिए अपने प्रेमी को खत लिखकर उस पर इत्र छिड़कने की ज़रूरत नहीं पड़ती। आप तो यह काम अपनी लम्बी झबरीली पूँछ को अपनी कलाइयों से रगड़कर और फिर उसे किसी मादा लीमर के चेहरे के सामने लहराकर कर सकते थे। सच! यकीन नहीं होता तो विपुल कीर्ति शर्मा का यह सुगन्धित लेख पढ़कर देखिए।
2. The Story of Abstract Symbols: Part 2 by Aamod Karkhanis
कहानी अमूर्त चिन्हों की: भाग 2 - आमोद कारखानीस [Hindi, PDF]
हज़ारों साल पहले, दुनियाभर की गुफाओं में, मानव ने चित्र बनाए – हिरण, भैंस, इन्सान, शिकार वगैरह। मगर अधिकांश गुफाओं में ऐसे चित्रों के अलावा कुछ और भी मिलता-जुलता-सा था – अमूर्त चिन्ह। कैसे दुनियाभर में फैले इन चिन्हों के आपसी रिश्ते को पहचानने की कोशिश से पुरातत्व विज्ञान में उलट-पलट हो गई? और कैसे मानव ने अमूर्त ज्ञान को अमूर्त चिन्हों के ज़रिए फैलाकर भाषाई और सांस्कृतिक विकास किया? हैरानी और कल्पनाशील चिन्तन के लिए कई कारण देता है, आमोद कारखानीस का यह लेख।
3. The Secret of Conservation Laws: Noether’s Unique Discovery by Ajay Sharma and Vivek Mehta
संरक्षण नियमों का रहस्य: नोएथर की अनूठी खोज - अजय शर्मा और विवेक मेहता [Hindi, PDF]
किसी बन्द तंत्र में ऊर्जा संरक्षित रहती है – इस नियम के पीछे सममिति का क्या किरदार है? भौतिकी कुछ बुनियादी सत्यों पर टिकी है। मगर इन बुनियादी सत्यों की बुनियाद क्या है? ऐसे सत्यों को सवालों के घेरे में लाकर नई बुनियादें उभारना आसान काम तो नहीं है। मगर नोएथर ने अपने जीवन में इसे बखूबी किया, जिस पर वैज्ञानिक ही नहीं, ऐतिहासिक व दार्शनिक चिन्तन की भी ज़रूरत है। जानिए यह सबकुछ, अजय शर्मा और विवेक मेहता के लेख में।
4. Learned to Write Name – Adharshila Learning Centre: Part 1 by Amit and Jayshree
एक पाण्टा नाम: भाग 1 - अमित और जयश्री [Hindi, PDF]
22 सालों तक किसी भी संस्थागत फंडिंग के बगैर पश्चिम मध्य प्रदेश के एक गाँव – साकड़ – में आदिवासी बच्चों की शिक्षा को सहज बनाने के लिए ‘आधारशिला शिक्षण केन्द्र’ चलता रहा। ऐसी सफल वैकल्पिक शिक्षण धारा के अनुभवों को अमित और जयश्री सिलसिलेवार तरीके से बयान करेंगे। सिलसिले के पहले भाग में, बच्चों द्वारा अपना-अपना नाम लिखकर अक्षर-ज्ञान और पढ़ना सीखने का दिलचस्प किस्सा अनेक शिक्षाशास्त्रीय अन्तर्दृष्टियों के साथ पेश है।
5. Anand Niketan Democratic School: Part 1 by Anil Singh
आनंद निकेतन डेमोक्रेटिक स्कूल: एक स्कूल जो होना ही चाहिए: भाग 1 - अनिल सिंह [Hindi, PDF]
2012 में, भोपाल शहर में शुरू हुआ यह स्कूल अनूठा था। क्यों? इसके जवाब अनिल सिंह के सिलसिलेवार किस्सों में बुने हैं। यह लेख उसी सिलसिले की पहली कड़ी है। इस स्कूल से जुड़ना, बच्चों के साथ मुहावरे सीखना-सिखाना – यह सब न सिर्फ अनिल के लिए एक मज़ेदार अनुभव रहा, बल्कि इस अनुभव को जानना पढ़नेवालों के लिए भी मज़ेदार होगा।
How are Pictures Helpful in Studies? By Rajendra Deshmukh
पढ़ाई में कैसे मददगार हैं चित्र? - राजेन्द्र देशमुख [Hindi, PDF]
पालकों की शिकायत है कि शिक्षा केन्द्र में बच्चों को पढ़ाने से ज़्यादा तो चित्र बनवाए जाते हैं। बच्चों के समय की ऐसी बरबादी क्यों? अब जवाब में, शिक्षा केन्द्र के शिक्षक पालकों की बैठक बुलवाते हैं। उनके सामने कोरा कागज़ रखते हैं, और रखते हैं कुछ मोम के रंग। आगे क्या होता है? क्या पालकों की शिकायत कुछ रंग लाती है? जानने के लिए पढ़िए, राजेन्द्र देशमुख का यह लेख।
7. Children, Citizenship and Poetry: Part 2 by Samina Mishra
बच्चे, नागरिकता और कविता: भाग 2 - समीना मिश्रा [Hindi, PDF]
बच्चे सब देख रहे हैं। इस लेख के पिछले भाग में, जहाँ समीना कुछ बच्चों के साथ ‘अपनेपन’ के विचार की लेन-देन करते हुए, आखिर दो बच्चों द्वारा लिखी कविताएँ साझा करती हैं, तो वहीं लेख के इस दूसरे और अन्तिम भाग में, पाठकों को उन कविताओं की उपज के सफर पर ले जाती हैं। बच्चों के लेखन में, विचारों की उधेड़बुन में एक सुगमकर्ता के हस्तक्षेप का क्या और कितना असर पड़ता है? ये ‘शक्तिशाली बच्चे’ अपनी कविताओं से किस तरह भविष्य को बदलने की सम्भावनाएँ साथ लिए चलते हैं? और, वयस्क अपनी तमाम नज़रों और नज़रियों से बच्चों की दुनिया और भविष्य को आकार देते हैं? इस लेख में ऐसे कई ज़रूरी सामाजिक-दार्शनिक मुद्दे चिन्तन के लिए मौजूद हैं।
8. Children and Atlas: Part 4 by Prakash Kant [Hindi, PDF, 379 kB]
बच्चे और एटलस: भाग 4 - प्रकाश कान्त [Hindi, PDF]
भला एटलस के बिना क्या सामाजिक अध्ययन पढ़ाना मुमकिन है? प्रकाश कान्त के लिए तो नहीं। मगर बिलकुल वाजिब कारणों से। प्रस्तुत लेख में, प्रकाश अपने शिक्षण दिनों में नक्शों व एटलसों से जुड़े किस्से, उनकी उपलब्धता और छपाई की दिक्कतों व इन चुनौतियों के बावजूद बच्चों को नक्शों से सहज कराने की जुगत साझा करते हैं।
9. Dayin Soond Ke Ganeshji: Part 2 by Jayant Vishnu Narlikar [Hindi, PDF, 583 kB]
दाईं सूँड के गणेशजी: भाग 2 - जयंत नारलीकर [Hindi, PDF]
आखिर दाईं सूँड के गणेशजी का अस्तित्व कैसे? एक वैज्ञानिक ने अन्तरिक्ष काल पर ऐसा बल छोड़ा कि उसके माथे पर पड़े बल उलट गए। यह कैसी तिलस्मी पहेली है? क्या राज़ है इस वैज्ञानिक का? रहस्य, विज्ञान, सत्य की तलाश, ‘विकृत विनोद’ और रोमांच से भरा जयंत नारलीकर की कहानी का यह अन्तिम भाग प्रतिबिम्बित करता है, उनके ज्ञान और कला को।
10. Why Does a Dog Lift One Leg When It Pees? from Sawaliram [Hindi, PDF, 130 kB]
जब कुत्ता पेशाब करता है तो वह एक टांग क्यों उठा लेता है? - सवालीराम [Hindi, PDF]
इस बार सवालीराम कुत्ता-व्यवहार विशेषज्ञ का चोगा पहनकर इन महानतम प्राणियों के पेशाब करने के रस्म-ओ-रिवाज़ पर अपनी वैज्ञानिक प्रतिक्रिया देंगे। जिज्ञासु हैं तो पढ़िए।