डायनासोर पृथ्वी से 13 करोड़ साल पहले लुप्त हो गए थे। इनके भी पहले रहने वालेएक शिकारी जीव डाइमेट्रोडॉन का जो चित्र हम पिछले 100 से भी ज़्यादा सालों से बनाते आए हैं, वह गलत है। हम इसे एक सुस्त, पेट के बल रेंगने वाले, पैर फैलाकर चलने वाले जानवर की तरह दर्शाते हैं। पर एक नए विश्लेषण का तकाज़ा है कि अब इस चित्र में बदलाव की ज़रूरत है।

वर्जीनिया स्थित विलियम एंड मेरी कॉलेज में डाइमेट्रोडॉन पर शोध करने वाली कैरोलिन एबट का कहना है कि “मुझे आश्चर्य है कि इस पर अब तक कितने कम सवाल उठाए गए हैं।” डाईमेट्रोडॉन लगभग 28 करोड़ साल पहले उपस्थित थे। इनकी कुछ प्रजातियों की लंबाई 3 मीटर तक थी। इस प्राणि की एक विशेषता थी कि इसकी पीठ पर एक पाल हुआ करती थी हालांकि इस पाल के काम के बारे में अब तक कोई स्पष्ट राय नहीं है।

स्मिथसोनियन इंस्टिट्यूट, वाशिंगटन डी.सी. में अपनी साथी हेंस-डाइटर स्यूस के साथ एबट ने डाइमेट्रोडॉन के कंकाल के जीवाश्म का अध्ययन किया। खास तौर से उन्होंने कंधे और कूल्हों में हड्डियों की जमावट पर ध्यान दिया। इस जानकारी की तुलना उन्होंने वर्तमान में जीवित 11 स्तनधारियों और 12 सरिसृपों से की। इन 23 प्राणियों में एक स्तनधारी - छोटी चोंच वाला एकिड्ना - और एक सरिसृप - चश्मिश कैमन - शामिल थे।

इस विश्लेषण से समझ आया कि डाइमेट्रोडॉन कैमन से काफी मिलता-जुलता है। कैमन एक घड़ियाल है। यह जब दौड़ता है तब अपने शरीर को ज़मीन से ऊपर उठाने के लिए अपनी दोनो टांगें सीधी खड़ी कर सकता है। अपने ये निष्कर्ष वे जियॉलॉजिकल सोसायटी ऑफ अमेरिका के सम्मेलन में प्रस्तुत करने जा रही हैं। उनका कहना है कि फिलहाल उनके पास कहने को इतना ही है कि डाइमेट्रोडॉन संभवत: पेट घसीटकर नहीं बल्कि टांगों के सहारे पेट को ज़मीन से ऊपर उठाकर दौड़ता था। (स्रोत फीचर्स)