वैसे तो चीता दुनिया का सबसे तेज़ भागने वाला प्राणि है और जिन जंगलों में यह पाया जाता है, वहां यह सर्वोच्च शिकारी होता है। चीता आम तौर पर अपने शिकार का पीछा करके मार डालता है और फिर आराम से खाता है। दूसरी ओर, स्पॉटेड लकड़बग्घा आम तौर पर ऐसे शिकारियों द्वारा मारे गए शिकार को चुराकर खाने के लिए मशहूर है। मगर हाल ही में कीन्या के जंगलों में एकदम उल्टी वारदात हुई।
यह घटना कीन्या के मासी मारा राष्ट्रीय रिज़र्व में घटी थी और इसे सफारी गाइड ओनेस्मस इरुंगु ने फोटोग्राफ कर लिया था। सबसे पहले देखा गया कि एक स्पॉटेड लकड़बग्घा एक टोपी हिरन को मारकर खाने की तैयारी कर रहा था। तभी एक मादा चीता अपने 15-15 माह के तीन शावकों के साथ वहां पहुंच गई। इन चारों ने मिलकर लकड़बग्घे को खदेड़ दिया और लौटकर मज़े से दावत उड़ाई।

नैरोबी के मारा चीता प्रोजेक्ट के फेम्के ब्रोखुइस का कहना है कि चीते का ऐसा व्यवहार असामान्य है। चीता तो स्वयं शिकार करके खाना पसंद करता है। वैसे भी स्पॉटेड लकड़बग्घा डील-डौल में चीते से काफी बड़ा होता है। एक वयस्क मादा चीते का वज़न औसतन 36 किलोग्राम होता है जबकि वयस्क स्पॉटेड लकड़बग्घा पूरे 82 किलो का होता है। दरअसल यह रिपोर्ट किया गया है कि चीतों की घटती तादाद के पीछे स्पॉटेड लकड़बग्घे की भूमिका हो सकती है। एक तो वे चीतों का भोजन चुरा लेते हैं, और दूसरे वे चीतों के बच्चों को मार भी डालते हैं।
मगर अफ्रीकन जर्नल ऑफ इकॉलॉजी में प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में इरुंगु और ब्रोखुइस ने कहा है कि यह घटना असाधारण है। दक्षिण अफ्रीका के प्रीटोरिया विश्वविद्यालय के जॉनी विल्सन को लगता है कि वह लकड़बग्घा संभवत: कोई बच्चा रहा होगा जो प्रजनन साथी की तलाश में भटक रहा था। इन चार भूखे चीतों ने मिलकर उसे खदेड़ा होगा। ऐसे संयोग बहुत दुर्लभ होते हैं और ऐसा रोज़ाना नहीं होता। (स्रोत फीचर्स)