एक अस्पताल के अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिकों ने मनुष्य की आंत का निर्माण करने में सफलता का दावा किया है। सिनसिनाटी शिशु अस्पताल चिकित्सा केंद्र के माइकल हेल्मरैथ ने बताया है कि उनके दल ने मनुष्य से प्राप्त स्टेम कोशिकाओं से शुरु करके आंत का एक इंच का खंड बना लिया है। और यह खंड सिर्फ मांसपेशियों का लोथड़ा नहीं है बल्कि इसमें रक्त संचार, तंत्रिकाएं वगैरह सब कुछ शामिल हैं।
पहले 2011 में इसी केंद्र ने रिपोर्ट किया था कि उन्होंने आंत के ऊतक का निर्माण किया है मगर उस समय जो चीज़ बनी थी उसमें तंत्रिकाएं नहीं थीं। इसलिए बाहरी उद्दीपन मिलने पर वह फैलना-सिकुड़ना (क्रमाकुंचन) नहीं कर पाता था, जैसा कि हमारी आंत करती है। इसी क्रिया के कारण भोजन आंत में आगे बढ़ता है।

इस बार इस दल ने पहले आंतों की मांसपेशियां तैयार कीं और तंत्रिकाएं अलग से विकसित कीं। इसके बाद इस ऊतक को एक जीवित चूहे की आंत में प्रत्यारोपित कर दिया गया। जब इन्हें साथ-साथ रखा गया तो तंत्रिकाओं ने खुद ही अपनी जगह बना ली। और तो और, जब इसे बिजली का एक झटका दिया गया तो यह फैलने-सिकुड़ने लगी और बिना रुके यह क्रिया चलती रही।
अब हेल्मरैथ और उनके साथी जिम वेल्स कोशिश करेंगे कि आंत का बड़ा खंड बना सकें। इस बार उनकी योजना सुअरों पर प्रयोग करने की है। इससे पहले अन्य प्रयोगशालाओं में गुर्दों, मस्तिष्क के पदार्थ और कुछ अन्य प्रकार के ऊतक बनाए जा चुके हैं।
यह कृत्रिम आंत जहां मरीज़ों के इलाज में उपयोगी हो सकती है, वहीं इसका एक उपयोग आंत सम्बंधी रोगों की समझ बनाने में भी होगा। वैसे आंत विकसित करना आसान काम नहीं है और चिकित्सा की दृष्टि से उपयोगी आंत बनाने में तो अभी और समय लगेगा। (स्रोत फीचर्स)