हीलियम एक अक्रिय तत्व है। मगर उसे सक्रिय बनाने में सफलता मिली है। दरअसल हीलियम उस समूह का सदस्य है जिन्हें नोबल गैसें कहा जाता है। अपने परमाणु की संरचना के कारण ये क्रियाओं में भाग नहीं लेते। हीलियम की किसी अन्य तत्व से क्रिया करवाने की कोशिशें कई वैज्ञानिक करते रहे हैं। अब इसमें सफलता मिली है।
न्यूयॉर्क स्थित स्टोनीब्रुक विश्वविद्यालय के आर्टेम ओगेनोव और उनके 16 साथियों ने एक सूत्र विकसित करके उसके आधार पर यह समझने की कोशिश की कि हीलियम का कोई स्थिर यौगिक होगा या नहीं और यदि होगा तो कौन-सा होगा। सूत्र के आधार पर उनकी भविष्यवाणी थी कि सोडियम के साथ हीलियम एक यौगिक बना सकती है जिसका अणु सूत्र ग़्ठ्ठ2क्तड्ढ होना चाहिए।
अब नेचर केमिस्ट्री में उन्होंने बताया है कि उन्हें प्रायोगिक तौर पर यह यौगिक बनाने में सफलता मिल गई है। इसके लिए उन्होंने सोडियम धातु के महीन टुकड़ों को हीलियम गैस के संपर्क में रखा और इस मिश्रण पर ज़ोरदार दबाव डाला। यह दबाव 155 गिगापास्कल के बराबर था। 1 गिगापास्कल लगभग 10,000 वायुमंडल के बराबर होता है। यानी उन्होंने सोडियम व हीलियम के मिश्रण पर लगभग 1 लाख 50 हज़ार वायुमंडलीय दाब के बराबर दबाव डाला।
इतने अधिक दबाव पर ओगेनोव की टीम ने ग़्ठ्ठ2क्तड्ढ के क्रिस्टल बनते देखे। क्रिस्टल की संरचना में आठ-आठ सोडियम परमाणुओं के घन बने थे जिनमें से आधे हीलियम परमाणुओं से भरे थे। शेष खाली स्थान इलेक्ट्रॉन जोड़ियों से भरे हैं जो सोडियम परमाणुओं को आपस में बांधकर रखती हैं। यह यौगिक 1000 गिगापास्कल दबाव तक स्थिर रहा।
हीलियम का यह यौगिक अक्रिय गैसों की हमारी समझ को समृद्ध करेगा। इसके अलावा इससे हमें रासायनिक बंधनों को समझने में भी मदद मिलेगी। (स्रोत फीचर्स)