वैज्ञानिक यह तो जानते हैं कि सूखे इलाकों में प्यास बुझाने के लिए रैटलस्नेक अक्सर बारिश होने पर अपने शरीर की कुंडली बनाते हैं और अपने शल्कों पर इकट्ठा हुई पानी (की बूंदें) पी लेते हैं। अब, करंट ज़ुऑलॉजी में प्रकाशित एक नया अध्ययन बताता है कि न सिर्फ वे अपने शरीर पर टपके पानी से प्यास बुझाते हैं बल्कि आसपास मौजूद अपने साथियों की त्वचा से भी पानी पीते हैं।
ये नतीजे शोधकर्ताओं ने कोलेराडो में सौ प्रेयरी रैटलस्नेक (Crotalus viridis) के अध्ययन के आधार पर दिए हैं। इस इलाके में वसंत से लेकर पतझड़ की शुरुआत तक हर महीने में केवल 2 मिलीमीटर बारिश होती है, इसी दौरान ये सरीसृप सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। अपने अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने बगीचे में पानी देने वाले स्प्रेयर की मदद से ऐसी ही बारिश की स्थिति बनाई और इस बारिश में रेटलस्नैक की प्रतिक्रिया रिकॉर्ड की। पाया गया कि प्यास के मारे लगभग आधे रैटलस्नैक ने नकली बारिश का पानी पिया।
देखा गया कि उन्होंने तीन अनूठे तरीकों से पानी पिया। कुछ सांप एक जगह इकट्ठे हुए और उन्होंने एक-दूसरे के शरीर पर एकत्रित पानी पिया; इनमें कुछ सांपों ने बारी-बारी से एक-दूसरे के सिर पर जमा पानी पिया और गर्भवती मादाओं के एक समूह ने एक-दूसरे के तर शरीर से पानी की बूंदें पीं। कुछ सांपों ने अपनी शरीर की टेढ़े कटोरे जैसी कुंडली बनाई, इस कुंडली का झुकाव उनके सिर की ओर था जिससे उनके कुंडलित शरीर में जमा पानी बहकर उनके मुंह तक आ रहा था। कुछ सांपों ने अपने मुंह तक बहकर आता पानी पीया, हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि उन्होंने कितनी बूंदें गुटकीं। 
शोधकर्ताओं ने देखा कि सांपों ने पानी पीने के लिए जिस तरीके का सर्वाधिक इस्तेमाल किया था वह था अपने आसपास के साथियों के शरीर से पानी पीना। आगे के अध्ययनों में शोधकर्ता यह देखना चाहते हैं कि क्या ये तरीके वास्तव में एक-दूसरे की मदद के तरीके हैं, खासकर गर्भवती मादाओं की मदद के लिए। (स्रोत फीचर्स)
 
रैटल स्नैक का वीडियों यहां देखें - https://www.science.org/content/article/watch-thirsty-rattlesnakes-drink-scales-other-snakes?utm_source=sfmc&utm_medium=email&utm_content=alert&utm_campaign=WeeklyLatestNews&et_rid=17088531&et_cid=5471795