जीन ड्राइव एक नई टेक्नॉलॉजी है जिसकी मदद से किसी जीन को किसी आबादी में तेज़ी से फैलाया जा सकता है। इस टेक्नॉलॉजी के पर्यावरण व जैव विविधता पर संभावित असर को देखते हुए कई समूहों ने इस पर विश्व व्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। हाल ही में राष्ट्र संघ की जैव विविधता सम्बंधी एक बैठक में विश्व की सरकारों ने इस मांग को ठुकरा दिया है। अलबत्ता, इसके बाद भी विरोध ठंडा पड़ने की उम्मीद नहीं है। इस सम्बंध में 16 दिसंबर को की गई घोषणा में प्रतिबंध की बात को अस्वीकार करते हुए राष्ट्रों से कहा गया है कि वे संश्लेषण जीव विज्ञान के उत्पादों का इस्तेमाल करने में सावधानी बरतें और इसके जोखिमों पर खास तौर से नज़र रखें।
दरअसल, 2014 में जैव विविधता परिषद की पिछली बैठक के समय जीन ड्राइव एक सैद्धांतिक विचार मात्र था। जीन ड्राइव ऐसे जेनेटिक घटक होते हैं जो लैंगिक प्रजनन करने वाली किसी आबादी में बहुत तेज़ी से फैल सकते हैं।
गौरतलब है कि जीन्स जोड़ियों में पाए जाते हैं। किसी भी पालक द्वारा किसी भी जीन जोड़ी में से एक घटक देने की संभावना रहती है, दूसरा हिस्सा दूसरे पालक से आता है। इसके चलते किसी भी जीन के आबादी में फैलने की रफ्तार नियंत्रित रहती है। जीन ड्राइव टेक्नॉलॉजी इस संभावना को बढ़ा देती है और जीन तेज़ी से फैलता है।

पिछले दो वर्षों में विभिन्न प्रयोगशालाओं में जीन ड्राइव टेक्नॉलॉजी का परीक्षण हुआ है। इनमें खमीर, फलभक्षी मक्खी और मच्छरों पर परीक्षण शामिल हैं। खास तौर से मच्छरों के मामले में माना जा रहा है कि यह टेक्नॉलॉजी मलेरिया पर नियंत्रण के लिए काफी उपयोगी हो सकती है। कोशिश यह की जा रही है कि उनमें एक ऐसा जीन जोड़ा जाए जो उन्हें अनुर्वर बना देगा ताकि उनकी आबादी को कम रखा जा सके। टारगेट मलेरिया नामक प्रोजेक्ट के तहत अफ्रीका में 2024 में इस टेक्नॉलॉजी के मैदानी परीक्षण की योजना बनाई जा रही है।
अभी स्थिति यह है कि अलग-अलग देश अपने क्षेत्र में इस टेक्नॉलॉजी का नियमन कर सकते हैं मगर कोई अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देश नहीं हैं, जबकि इस टेक्नॉलॉजी के उपयोग के असर राष्ट्र की सीमाओं से बंधे नहीं हैं। पर्यावरण से सरोकार रखने वाले समूहों का मत है कि चाहे फिलहाल राष्ट्र संघ ने इस मामले में हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया है मगर कोशिश जारी रहेगी क्योंकि मामला गंभीर है। खास चिंता का विषय यह है कि जीन ड्राइव्स प्रजाति की सीमा पार कर सकते हैं और जैव विविधता पर इसका व्यापक असर होगा। (स्रोत फीचर्स)