ओगानेसॉन नामक तत्व के लिए विकसित इलेक्ट्रॉन मॉडल से पता चलता है कि शायद इस तत्व के परमाणु में इलेक्ट्रॉन अलग-अलग कक्षकों में नहीं बंधे रहते हैं बल्कि गैस के रूप में वितरित रहते हैं जबकि सामान्यत: परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन का एक विन्यास होता है। ओगानेसॉन 118 परमाणु संख्या वाला तत्व है जिसको आवर्त तालिका में नोबल गैसों के साथ स्थान दिया गया है।
इस तत्व का वजूद बहुत कम समय के लिए रहता है और इसके परमाणु की रचना को प्रयोगात्मक रूप से जांचना संभव नहीं है। लेकिन न्यूज़ीलैंड और यूएस की एक टीम ने इस तत्व की इलेक्ट्रॉनिक संरचना की गणना की है और उनका अनुमान है कि ओगानेसॉन एक बहुत ही असामान्य प्रकार का परमाणु हो सकता है।

कागज़ पर तो ओगानेसॉन की इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था अक्रिय गैसों जैसी होती है, जिसमें 7P आवरण भरा हुआ होता है। लेकिन न्यूज़ीलैंड में मैसी विश्वविद्यालय के सैद्धांतिक रसायनज्ञ पीटर श्वर्टफेगर, अमेरिका के मिशिगन स्टेट युनिवर्सिटी के परमाणु भौतिकविद विटॉल्ड नज़रेविक्ज़ और उनके सहकर्मियों का अनुमान है कि इसने अपनी कक्षक संरचना को पूरी तरह से खो दिया है और इलेक्ट्रॉन एक गैस के रूप पाए जाते हैं।
ओगानेसॉन का नाम रूसी वैज्ञानिक यूरी ओगानेसियन के नाम पर रखा गया है, जो कई वर्षों से ड्यूबना स्थित जॉइंट इंस्टिट्यूट फॉर न्यूक्लियर रिसर्च में अति-भारी तत्वों पर काम करते थे। तत्व 118 को सबसे पहले सन 2002 में ड्यूबनामें बनाया गया था, जिसे औपचारिक मान्यता सन 2015 में दी गई।

ज़ाहिर है, मिलिसेकंड से कम समय की अर्धायु वाले ओगानेसॉन की रासायनिक परीक्षा संभव नहीं है। अत: गणनाएं ही इसके व्यवहार के बारे में कुछ कहने का एकमात्र तरीका है।
वर्तमान क्वांटम-यांत्रिकी विधियों का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की गणना करना एक दुर्जेय काम है, और लगता है कि श्वर्टफेगर और सहकर्मियों द्वारा की गई गणना वर्तमान समय में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ है।

शोधकर्ताओं के अनुसार ओगानेसॉन के लिए सापेक्षता प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। श्वर्टफेगर के अनुसार यह प्रभाव परमाणुओं के भारीपन के साथ क्रमिक रूप से बढ़ता है।
श्वर्टफेगर कहते हैं कि उनकी भविष्यवाणी के मुताबिक ओगानेसॉन एक गैस नहीं है, बल्कि यह कमरे के तापमान पर ठोस है।

शोधकर्ताओं ने ओगानेसॉन के नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के विन्यास की गणना भी की है। अधिकांश तत्वों में न्यूट्रॉन व प्रोटॉन का भी कक्षक विन्यास होता है किंतु ओगानेसॉन में न्यूट्रॉन तो सामान्य कक्षक विन्यास को बनाए रखते हैं किंतु प्रोटॉन ऐसे सुगठित विन्यास में नहीं पाए जाते।
लेकिन इन सैद्धांतिक भविष्यवाणियों की प्रयोगात्मक पुष्टि तब तक नहीं की जा सकती जब तक कि ओगानेसॉन की उत्पादन दर को बढ़ा न दिया जाए। (स्रोत फीचर्स)