कैंसर जब अपने मूल स्थान से अन्य स्थानों को फैलता है तो इसे मेटास्टेसिस कहते हैं और कैंसर से होने वाली मौतों का यह प्रमुख कारण है। मगर शोधकर्ता इस बात को लेकर बहुत कम जानते हैं कि कोई कैंसर फैलता क्यों हैं। हाल ही में नेचर पत्रिका में प्रकाशित दो अध्ययनों से संकेत मिला है कि शायद इसमें वसाओं की भूमिका है।
मेटास्टेसिस में होता यह है कि कैंसर की कुछ कोशिकाएं किसी अन्य अंग में जाकर पैर जमा लेती हैं और फिर वहां कैंसर की वृद्धि शु डिग्री हो जाती है। इन कोशिकाओं में यह गुण कैसे पैदा होता है, इसे लेकर वर्षों से वैज्ञानिक प्रोटीन और पेप्टाइड्स का अध्ययन करते आए हैं। किंतु बार्सिलोना के इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन बायोमेडिसिन के शोधकर्ताओं ने पाया कि मुंह के कैंसर की जिन कोशिकाओं की अपने मूल स्थान से अन्यत्र स्थानांतरित होने की संभावना ज़्यादा होती है उनकी सतह पर एक प्रोटीन सीडी36 होता है। यह प्रोटीन वसा अम्लों के अणुओं से जुड़ता है।

जब उन्होंने सीडी36 को निष्क्रिय कर दिया और इन कैंसर कोशिकाओं को चूहे में प्रविष्ट कराया तो उनके द्वारा लसिका ग्रंथि में मेटास्टेसिस में 80 से 100 प्रतिशत तक की कमी आई। दूसरी ओर इन कोशिकाओं के कैंसर में विकसित होने की दर पर कोई असर नहीं पड़ा।
बार्सिलोना के दल ने यह भी दर्शाया कि यदि चूहों को उच्च वसा वाली खुराक दी जाए तो मेटास्टेसिस की दर तथा साइज़ दोनों में वृद्धि होती है। किंतु यदि सीडी36 को निष्क्रिय कर दिया जाए तो उच्च वसा खुराक का यह असर खत्म हो जाता है। यही असर एक कृत्रिम रूप से तैयार किए संवर्धन माध्यम में भी देखा गया। खास तौर से पामिटिक एसिड नामक वसा अम्ल मौजूद था तो मेटास्टेसिस की मात्रा ज़्यादा रही। शोधकर्ताओं ने सीडी36 को बाधित करके भी लसिका ग्रंथियों में मेटास्टेसिस पर रोक लगाने में सफलता प्राप्त की। इस सबके आधार पर तो लगता है कि कैंसर मेटास्टेसिस रोकने के लिए सीडी36 एक अच्छा लक्ष्य हो सकता है किंतु शोधकर्ताओं का मत है कि ऐसा सोचने से पहले हमें सीडी36 की अन्य भूमिकाओं पर भी विचार करना होगा।

इसी संदर्भ में कैम्ब्रिज के वेलकम ट्रस्ट सैंगर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अन्य अध्ययन में पता चला है कि जिन चूहों में एक प्रोटीन च्द्रदद्म2 नहीं होता उनमें फेफड़ों में मेटास्टेसिस-जनित कैंसर कम पैदा होते हैं। च्द्रदद्म2 भी वसा के चयापचय से सम्बंधित है। कुल मिलाकर ये अध्ययन दर्शाते हैं कि वसाएं कई तरह से मेटास्टेसिस का नियमन करती हैं। किंतु अभी निष्कर्ष सिर्फ दिशासूचक हैं, इनके आधार पर आगे अनुसंधान करने पर ही हम उपचार की दिशा में आगे जा सकेंगे। (स्रोत फीचर्स)