राष्ट्र संघ खाद्य एवं कृषि संगठन का अनुमान है कि हम सारे मनुष्य मिलकर एक साल में 40 करोड़ टन मांस-मछली खाते हैं। इसकी तुलना में दुनिया भर की मकड़ियां मिलकर एक साल में 80 करोड़ टन तक शिकार को मार डालती हैं। यह निष्कर्ष स्विटज़रलैण्ड और स्वीडन के शोधकर्ताओं ने बेसल विश्वविद्यालय के मार्टिन नायफलर के नेतृत्व में निकाला है।
दुनिया भर में मकड़ियों की करीब 45 हज़ार प्रजातियां हैं जिनका कुल वज़न 2.5 करोड़ टन के आसपास है। इन मकड़ियों की कुल खुराक दुनिया की सारी व्हेलों की कुल खुराक से भी ज़्यादा है, जो प्रति वर्ष करीब 50 करोड़ टन भक्षण करती हैं।
मकड़ियों का मुख्य भोजन तो कीट (कीड़े-मकोड़े) हैं किंतु कभी-कभार ये मेंढकों, छिपकलियों, मछलियों और अन्य छोटे जंतुओं का शिकार करने से भी नहीं चूकतीं। इनकी भोजन करने की क्षमता को देखते हुए शोधकर्ताओं का कहना है कि ये पृथ्वी पर कीटों का सफाया करने में सर्वोपरि हैं। चींटियों और पक्षियों के साथ मिलकर ये धरती पर कीट आबादी को सीमित रखने का महत्वपूर्ण काम करती हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी दर्शाया है कि मकड़ियां यह काम खेतों की बजाय जंगलों और घास के मैदानों में ज़्यादा कुशलता से करती हैं क्योंकि हमारे खेतों का इतना सघन प्रबंधन होता है कि वहां का वातावरण मकड़ियों के लिए उपयुक्त नहीं रह जाता।
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उनका यह अध्ययन और इसके निष्कर्ष थलीय खाद्य श्रृंखला में मकड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाएंगे। (स्रोत फीचर्स)